प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 25 जून 2023
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के साथ अनियमित कर्मचारियों को राज्य सरकार बड़ा तोहफा दे सकती है । दरअसल, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के साथ अनियमित कर्मचारियों का डाटा सरकार ने मंगाया है जिस पर अभी तक 22 विभागों ने कोई भी जानकारी नहीं दी है। प्रदेश के करीब एक लाख संविदा, दैनिक वेतन भोगियों व अनियमित कर्मचारियों को पावस सत्र या 15 अगस्त के दिन नियमित किया जा सकता है। 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यह वादा किया था। सत्ता में आने के बाद इसकी प्रक्रिया मई 2019 से शुरू भी हो गई।
सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने इन कर्मचारियों को नियमित करने के लिए विधि विभाग से अभिमत लिया। विधि ने नियम बनाकर नियमित करने का निर्देश दिया। इसके बाद एसीएस की अध्यक्षता में समिति बनी। इसने 16 अगस्त 2022 को निर्णय लिया कि 47 इसमें 24 विभागों ने सभी बिंदुओं पर जानकारी दे दी है, जबकि 22 विभागों ने अभी तक पूरी जानकारी नहीं दी है। इस वजह से जीएडी निर्णय नहीं ले पा रहा है। चुनाव करीब है। भाजपा इसे मुद्दा बनाने में जुट गई है। ऐसे में जीएडी अब जितनी जानकारी मिली है, उसी पर निर्णय लेने की तैयारी में है।
जीएडी ने मांगी है ये जानकारी
विभागों में दैवेभो, संविदा व अनियमित कर्मचारी विज्ञापन या भर्ती प्रक्रिया से नियुक्त हुए?
क्या ये कर्मचारी जिस पद पर हैं, उसकी शैक्षणिक या तकनीकी योग्यता रखते हैं?
जिस पद पर कर्मचारी हैं, वह पद विभाग की पद संरचना या भर्ती नियम में है?
नियुक्ति में आरक्षण नियमों का पालन किया गया है?
वर्तमान में उन्हें क्या मानदेय दे रहे?
ये हो सकते हैं मापदंड
यह मामला विधानसभा में भी आ चुका है। इस बारे में अफसरों का कहना है कि ऐसे नए व पुराने कर्मचारियों के लिए मापदंड तय किए जा रहे हैं। वरिष्ठता के आधार पर उनके वेतन -भत्ते व अन्य सुविधाएं तय करने पर मंथन चल रहा है। जैसे 8, 16, 24 व 30 बरसों की सेवा अवधि को आधार बनाकर नियम बनाया जा सकता है। पेंशन प्रकरणों में पेंच न आए इसका सिस्टम बन रहा है।
लगभग एक लाख कर्मचारियों को नियमित करने पर सरकार को वेतन-भत्तों के लिए करीब 35-40 करोड़ रुपए हर महीने जुटाने होंगे। विभाग के अधिकारियों का कहना है जो विज्ञापन और भर्ती प्रक्रिया से नियुक्त हुए हैं, नियमितीकरण में पहले उन्हें प्राथमिकता मिलेगी। बाकी कर्मचारियों को नियमित करने के लिए विज्ञापन प्रकाशित होगा। सुप्रीम कोर्ट के नियमों का पालन करते हुए उनकी भी नियमित किया जाएगा।