प्रमोद मिश्रा, 5 जुलाई 2023
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7-8 जुलाई को चार राज्यों के दौरे पर होंगे. ये चार राज्य छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और राजस्थान हैं. इस दौरान पीएम मोदी 36 घंटों के भीतर चार राज्यों के पांच शहरों में दर्जनभर कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे. इस दौरान वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाने से लेकर कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे.
पीएम मोदी दो दिवसीय दौरे के दौरान चार राज्यों के पांच शहरों रायपुर, गोरखपुर, वाराणसी, वारंगल और बीकानेर में लगभग दर्जनभर कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे. वह इस दौरान 50,000 करोड़ रुपये की लगभग 50 परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे.
छत्तीसगढ़ से होगी दौरे की शुरुआत
पीएम मोदी सबसे पहले सात जुलाई को दिल्ली से रायपुर का दौरा करेंगे, जहां वह कई परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे. इस दौरान रायपुर-विशाखापट्टनम कॉरिडोर के छह लेन परियोजना की आधारशिला रखी जाएगी. इसके बाद वह एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे. इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी गोरखपुर जाएंगे, जहां वह गीता प्रेस के एक कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. इसके बाद तीन वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे. वह गोरखपुर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला भी रखेंगे.
संसदीय क्षेत्र वाराणसी भी पहुंचेंगे पीएम मोदी
पीएम मोदी गोरखपुर से अपने निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी का दौरा करेंगे, जहां वह कई मुख्य परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे. पीएम पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन को सोन नगर से जोड़ने वाले कॉरिडोर को भी जनता को समर्पित कर देगे. वह राष्ट्रीय राजमार्ग-56 (वाराणसी-जौनपुर) के चार लेन को चौड़ा करने की परियोजना की आधारशिला रखेंगे. इसके साथ वह मणिकर्णिका घाट और हरिशचंद्र घाट के रेनोवेशन परियोजना की भी आधारशिला रखेंगे.
वाराणसी से सीधे तेलंगाना पहुंचेंगे
पीएम मोदी आठ जुलाई को वाराणसी से सीधे तेलंगाना के वारंगल पहुंचेंगे, जहां वह नागपुर-विजयवाड़ा कॉरिडोर सहित कई परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे. पीएम एनएच-563 के करीमनगर-वारंगल सेक्शन की भी आधारशिला रखेंगे. वह वारंगल में एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे.
प्रधानमंत्री मोदी वारंगल से राजस्थान के बीकानेर का दौरा भी करेंगे, जहां वह कई परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे. वह अमृतसर जामगनर एक्सप्रेसवे को भी जनता को सौंप देंगे.
बता दें कि पीएम मोदी ने इससे पहले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के 23वें शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की. एससीओ का यह सम्मेलन इस बार भारत की अध्यक्षता में हो रहा है.
इस दौरान उन्होंने कहा कि बीते दो दशकों में एससीओ पूरे एशियाई क्षेत्र में शांति, समृद्धि और विकास का मंच बनकर उभरा है. भारत और इस क्षेत्र के बीच हजारों साल पुराने सांस्कृतिक और लोगों के संबध इस साझा विरासत के गवाह हैं. हम एशिया को पड़ोस की तरह नहीं बल्कि परिवार की तरह देखते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि एससीओ के अध्यक्ष के तौर पर भारत ने हमारे बहुआयामी सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए लगातार कोशिश की है. ये प्रयास दो मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित है.