प्रमोद मिश्रा,
रायपुर, 31 जुलाई 2023
कलिंगा विश्वविद्यालय ने आज पुलिस प्रशिक्षण स्कूल (पीटीएस), माना के अधिकारियों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। एमओयू का मुख्य उद्देश्य अकादमिक और शैक्षिक सहयोग विकसित करना और कलिंगा विश्वविद्यालय और पीटीएस के बीच आपसी समझ को बढ़ावा देना है।
कलिंगा विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. संदीप गांधी ने बताया कि सहयोग के प्रस्तावित तरीकों में अकादमिक कर्मचारियों का पारस्परिक दौरा जो अकादमिक विकास के लिए पारस्परिक संकाय आदान-प्रदान को बढ़ावा देना, छात्रों का आदान-प्रदान, सेमिनार, सम्मेलनों, कार्यशाला, प्रशिक्षण, अनुसंधान और परियोजनाओं में भागीदारी, प्रशासनिक एवं तकनीकी कर्मचारियों का प्रशिक्षण एवं विकास, शैक्षणिक संसाधनों और अन्य सूचनाओं का आदान-प्रदान, पीटीएस की गतिविधियां, व्यावसायिक प्रशिक्षण और अल्पकालिक कार्यक्रम, कौशल विकास, उन्नयन कार्यक्रम, पुलिस और रक्षा सेवाएं और स्वरोजगार के अवसर शामिल हैं।
समझौता ज्ञापन तीन साल की अवधि के लिए होगा। कलिंगा विश्वविद्यालय की ओर से डॉ. संदीप गांधी ने कलिंगा विश्वविद्यालय के कॉर्पोरेट प्रशिक्षण और परामर्श प्रभाग के निदेशक श्री पंकज तिवारी और श्री अरूप हलदर प्लेसमेंट अधिकारी (टीपीओ) की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। पीटीएस की ओर से, डॉ. इरहान-उल-रहीम खान, पुलिस अधीक्षक, पुलिस प्रशिक्षण स्कूल माना ने श्रीमती निधि नाग, उप पुलिस अधीक्षक, पुलिस प्रशिक्षण स्कूल माना और श्रीमती अर्चना चौधरी, डीएसपी पीटीएस की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। माना पीटीएस के बोर्ड रूम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान आरक्षी निरीक्षक जितेंद्र चंद्रा और पीटीएस के सभी कर्मचारी उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि कलिंगा विश्वविद्यालय मध्य भारत का एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान है। नवाचार और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) द्वारा B+ मान्यता प्रदान की गई है। यह छत्तीसगढ़ का एकमात्र निजी विश्वविद्यालय है, जो वर्ष 2022 और 2023 में NIRF रैंकिंग में शीर्ष 101-150 विश्वविद्यालयों के बैंड में शामिल है। यहां छात्रों को वैश्विक मानकों के अनुसार नवाचार विकसित करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले बहु-विषयक अनुसंधान केंद्रित शिक्षा और कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाता है जिससे विद्यार्थियों में नेतृत्व शक्ति के विकास के साथ जिम्मेदार नागरिक बनने की भावना विकसित हो सके।