प्रमोद मिश्रा, 04 अगस्त 2023
बालोद जिले में अगस्त महीने की शुरुआत के साथ हो रही रिमझिम बारिश से नदी-नाले एक बार फिर उफान पर हैं। वहीं, इस बार अच्छी बारिश होने से जिले के सभी जलाशयों में लबालब पानी भरा हुआ है। तांदुला को छोड़कर सभी तीन जलाशय खरखरा, गोंदली व मटियामोती जलाशय ओवरफ्लो हो चुके हैं। तांदुला जलाशय को ओवरफ्लो होने के लिए थोड़े बारिश की जरूरत है। वहीं, हवा की रफ्तार से तांदुला का ओवरफ्लो क्षेत्र से पानी निकलने लगा है। तांदुला जलाशय से सिंचाई के लिए लगभग 600 क्यूसेक पानी भी छोड़ दिया गया है। यह पानी दुर्ग जिले के लिए है, जिसमें 300 क्यूसेक तांदुला और 300 क्यूसेक गोंदली से छोड़ा गया है।
पेयजल और सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण है तांदुला
तांदुला को पूरे रफ्तार से छलकने के लिए लगभग 2 फीट पानी की आवश्यकता है। तांदुला जलाशय में अच्छा जलभराव है। बीते साल तांदुला जलाशय 15 अगस्त को छलका था। विभागीय जानकारी के मुताबिक, बीते साल 3 अगस्त की स्थिति में जिले में 688 मिमी बारिश हो चुकी थी। इस साल 632 मिमी ही बारिश हुई है। वहीं, इस साल शुरुआत में मानसून ने अच्छे तेवर दिखाए हैं, जिसके परिणाम स्वरूप जलाशय अब छलकने की ओर अग्रसर है। इसे जीवन दायिनी भी कहा जाता है। भिलाई इस्पात संयंत्र से लेकर आसपास के जिलों की बात करें तो वहां पेयजल और सिंचाई के लिए ये महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
पहुंचने लगे पर्यटक
हल्की हवाओं के बीच जलाशय से पानी सेफ्टी वाल से आगे छलकने लगे हैं, जिसका लुफ्त उठाने के लिए आसपास के पर्यटक पहुंचने लगे हैं। पर्यटक उलट नीचे उतरकर इस मनोरम दृश्य का आनंद उठा रहे हैं। वहीं, प्रशासन भी खतरों को लेकर काफी अलर्ट है। उलट के दोनों छोर आम लोगों की भीड़ लगी रहती है, जिसके परिणाम स्वरूप प्रशासन जल्द बैरिकेटिंग की व्यवस्था करने के साथ ही जवानों को ड्यूटी लगाने की तैयारी कर रहा है।