बालोद: जमीन अधिग्रहण की राशि के लिए भटक रहे किसान, स्थानीय अधिकारियों पर गुमराह करने का आरोप

छत्तीसगढ़

प्रमोद मिश्रा, 9 अगस्त 2023

वनांचल क्षेत्र के आमडूला से अवारी गांव तक लोक निर्माण विभाग द्वारा पक्की सड़क का निर्माण लगभग दो वर्ष पहले किया गया था। यहां पर किसानों की जमीन अधिग्रहण की गई थी। आज दो साल हो गए हैं। फिर, भी अधिग्रहित किसानों की जमीन के एवज में उन्हें जो मुआवजा राशि मिलनी थी, वह नहीं मिल पाई है। मुआवजा राशि न मिलने से किसान यहां-वहां भटकने को मजबूर हैं। किसानों ने बताया कि मुआवजा राशि मांग-मांग कर उनके पैरों की चप्पल तक घिस गई हैं। अधिकारी केवल 15 दिनों में काम हो जाने की बात कहते हैं। यही सुनते-सुनते दो साल बीत चुके हैं।

अधिकारी कर चुके जांच
ग्रामीण कृषक राधेश्याम ने बताया कि दो वर्षों से अधिकारी केवल यही कहते हैं कि चेक आ गया है, चेक आने वाला है और 15 दिन में भुगतान हो जाएगा। एसडीएम कार्यालय में अटका है तो कभी कलेक्ट्रेट कार्यालय में अटका है तो कभी पुनः जांच पड़ताल की जाएगी, यही कहकर केवल आश्वासन देते रहते हैं। जबकि अधिग्रहण के बाद मुआवजा भुगतान के लिए अधिकारी दो से तीन बार जांच कर वापस चले गए हैं, लेकिन किसानों को मुआवजा नहीं मिल पाया है।

 

 

15 किसानों की अटकी राशि
लगभग 15 ऐसे किसान हैं, जिन्हें मुआवजे का भुगतान नहीं हुआ है। सभी पीड़ित किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे हुए थे और कलेक्टर से मिलकर अपनी समस्याओं को भी इन किसानों ने रखा है। ग्रामीण किसानों ने बताया कि जब सड़क बन रही था तो यह बोलकर जमीन अधिग्रहण की गई थी कि सड़क बनने से पहले ही उन्हें मौजा भुगतान कर दिया जाएगा। लोक निर्माण विभाग अपना काम करती रही परंतु अब तक किसी तरह का कोई भी भुगतान किसानों को नहीं किया गया है। केवल आश्वासन दिया जाता है और अपने ही पैसे के लिए वे यहां-वहां भटकने को मजबूर हो गए हैं।

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