सेजबहार हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी चुनाव में हंगामा: तीखी नोक-झोंक, लोगों ने कहा- ‘यह चुनाव फ़र्ज़ी हैं’

छत्तीसगढ़

प्रमोद मिश्रा, 14 अगस्त 2023

राजधानी रायपुर के सेजबहार हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में आज 13 अगस्त को समिति का चुनाव हुआ। बड़ी बात ये है कि इसकी जानकारी कॉलोनी के सदस्यों को ही नहीं दी गई। गोपनीय तरीके चुनाव हो रहा था, जिसका रहवासियों ने जमकर विरोध किया। जमकर बवाल और हंगामा हुआ। कॉलोनी के सदस्यों समिति में वोटिंग को लेकर जमकर बवाल मचाया। उन्होंने हो रहे चुनाव को निरस्त करने और तारीख को आगे बढ़ाने की मांग की है। इस दौरान लोगों ने विरोध करते हुए ‘यह चुनाव फर्जी हैं, वोट नहीं, तो टैक्स नहीं’ का जमकर नारा भी लगाया।

हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी सेजबहार में आज कॉलोनी समिति का चुनाव हो रहा था। इस कॉलोनी में 1365 मकान के लोग जब मतदान के लिए गए तो, उन्हें साफ मना कर दिया गया। चुनाव अधिकारी विपिन कुमार बारिक ने बताया कि जो सदस्य हैं, वहीं वोट डाल सकते हैं। वहीं चुनाव के लिए सदस्यता पूछने पर 44 लोगों को बताया गया। इस बात से कॉलोनी के रहवासी गुस्से से आग बाबुले हो गए। रहवासियों ने कहा कि 10 साल इस कॉलोनी में रहते हुए आए हैं। सभी तरह के टैक्स देते हैं, लेकिन चुनावी प्रक्रिया से अलग क्यों रखा जा रहा है।

 

 

 

समय से पहले परिणाम की घोषणा
कॉलोनी के लोगों ने कहा कि इस चुनाव के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। इसकी जानकारी किसी मध्यम से विज्ञापन देखनें से हुआ है। इसके बाद कॉलोनी के लोग मतदान केंद्र पहुंचे, लेकिन उन्हें वोट देने से मना कर दिया गया। लोगों ने कहा कि कि उन्हें चुनावी प्रक्रिया बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। इसलिए इस चुनाव को निरस्त किया जाए। वहां मौजूद चुनाव अधिकारी ने इस बात से इंकार करते हुए विधि सलाहकार के छुट्टी का हवाला देकर माना कर दिया गया। लोगों के चुनाव परिणाम की घोषणा करने से मना करने पर अधिकारी ने इनकार कर दिया। वहीं चुनाव के परिणाम समय से पहले ही घोषणा कर दी गई।

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इससे पहले दी गई थी सूचना
इस चुनाव में कॉलोनी के रहवासियों को पहले से ही फर्जीवाड़ा की आशंका थी। उन्होंने इससे पहले 13 जुलाई को रजिस्ट्रार फर्म्स एवं संस्थाएं छत्तीसगढ़ को आवेदन दिया था। इस पर कॉलोनी के लोगों ने मांग किया था कि रजिस्ट्रार फर्म्स एवं संस्थाएं छत्तीसगढ़ अपने नियमों के तहत इस चुनाव में सभी लोगों को जोड़कर निष्पक्ष मतदान करवाएं। भीड़ ने जब इस पत्र का हवाला दिया तो चुनाव अधिकारी ने सीधे इंकार कर दिया। कॉलोनी वासियों को जब वोट देने के अधिकार से जब वंचित रखा गया तब आक्रोशित भीड़ ने कहा कि हम यहां पिछले 10 सालों से रह रहे हैं और हमें वोट देने नहीं दिया जा रहा है।

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