G-20 summit in Raipur : छत्तीसगढ़ पहुंचे विदेशी डेलीगेट्स, एयरपोर्ट में छत्तीसगढ़ी परंपरा से स्वागत

छत्तीसगढ़

प्रमोद मिश्रा, 17 सितम्बर 2023

जी-20 सम्मेलन के लिए विदेशी डेलीगेट्स आज रविवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंच रहे हैं। रायपुर में होने वाली 18 से 19 सितंबर को सम्मेलन में शामिल होंगे। विदेश से स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पहुंच रहे डेलीगेट्स का छत्तीसगढ़ी अंदाज में स्वागत किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ी परिधान में सजी युवतियां सभी मेहमानों को तिलक लगाकर और छत्तीसगढ़िया गमछा भेंट कर स्वागत किया। बैठक में 28 देशों के डेलीगेट्स शामिल हो रहे हैं।

राजधानी रायपुर के सड़कों को छत्तीसगढ़िया थीम पर सजाया गया है। जगह-जगह जी-20 के बड़े-बड़े बेनर पोस्टर लगाए हैं। दीवारों पर और चौक-चौराहों पर आकर्षक साज सज्जा की गई है। डेलीगेट्स के स्वागत के लिए एयरपोर्ट के बाहर कलाकार करमा ददरिया गीतों को गाते और नृत्य करते नजर आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों को बेनर, पोस्टर और पेंट से दर्शाया गया है। एयरपोर्ट से निकलते ही डेलिगेट्स छत्तीसगढ़ महतारी और बस्तर आर्ट के चित्रकला को देख रहे हैं।


पूरे भारत में G-20 का सम्मेलन हो रहा है। इस क्रम में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 18-19 सितंबर को G-20 सम्मेलन होगा। इस संबंध में कई देशों के कार्य समूह की बैठक होगी। जी 20 के चौथे फ्रेमवर्क वर्किंग ग्रुप मीटिंग में भाग लेने दुनियाभर से आए प्रतिनिधि अपने साथ छत्तीसगढ़ की सुंदर स्मृतियों के साथ छत्तीसगढ़ी संस्कृति की चिन्हारी भी साथ लेकर जाएंगे। जी 20 के माध्यम से इस अनुपम छत्तीसगढ़ी संस्कृति का प्रचार-प्रसार हो सकेगा।

छत्तीसगढ़ की चिन्हारी गिफ्ट में वनोपजों से बनाए गए खास प्रोडक्ट पैक होंगे। मिलेट्स से बने कूकीज दिए जाएंगे। संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से इस वर्ष को मिलेट ईयर घोषित किया गया है। मिलेट्स कैफे बनने से छत्तीसगढ़ में मिलेट्स के प्रति जागरूकता बढ़ गई है। छत्तीसगढ़ के जंगलों में पाई जाने वाला शहद देश के सबसे शुद्ध और स्वादिष्ट शहद माना जाता है। इसमें औषधिय गुण भी रहते हैं। छत्तीसगढ़ में उत्पादित किए जाने वाले एलोवीरा जेल, अश्वगंधा चूर्ण की लोकप्रियता भी देश भर में है। डेलीगेट्स को गिफ्ट में दिए जाएंगे।

इसके साथ ही चिन्हारी के रूप उन्हें बस्तर आर्ट का उपहार भी दिया जाएगा। यहां ढोकरा कला से बनाई गई एक प्रतिमा फ्रेम में आबद्ध कर उन्हें प्रदान की जाएगी। इस कला का थीम चार आदिवासी युवतियों को लेकर है। वे नृत्यरत हैं और एक दूसरे का हाथ थामे हुए हैं। इस प्रतिमा से बस्तर की सुंदरता और लोकजीवन की समृद्धि की झलक डेलीगेट्स को मिल सकेगी। साथ ही हजारों वर्ष पुराने छत्तीसगढ़ के लोककलाकारों की प्रतिभा से भी वे वाकिफ हो सकेंगे।

 

 

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