प्रमोद मिश्रा, 9 अक्टूबर 2023
बेमेतरा|छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के साजा थाना क्षेत्र के तहत ग्राम बिरनपुर में 10 अप्रैल 2023 को हुई आगजनी मामले में पकड़े गए आठ आरोपियों को जिला कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया है। इन सभी आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में संदेह का लाभ मिला है। वहीं गलत विवेचना किए जाने पर कोर्ट ने तत्कालीन एसपी इंदिरा कल्याण एलिसेला (आईपीएस), एएसपी पंकज पटेल व थाना के एएसआई भानूप्रताप पटेल के खिलाफ जांच करने राज्य के डीजीपी व दुर्ग आईजी को निर्देश दिए है।
यह फैसला जिला कोर्ट के प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पंकज कुमार सिन्हा ने शनिवार को सुनाया है। जानकारी अनुसार अभियुक्तगण प्रदीप रजक पिता अनुज रजक उम्र 21, दिनेश रजक पिता जनक रजक उम्र 23, दुर्गेश पिता होरी लाल वर्मा उम्र 19, अजय रजक पिता कृष्णा रजत उम्र 27 वर्ष व प्रवीण कुमार साहू पिता काशीराम साहू उम्र 27 वर्ष सभी निवासी ग्राम पेंडरवानी, जिला खैरागढ़, संदीप उर्फ संतोष साहू पिता पारस राम साहू उम्र 20 वर्ष निवासी ग्राम राम्हेपुर थाना सहसपुर लोहारा जिला कबीरधाम, मनीष उर्फ दुर्गश धुर्वे पिता फेरहाराम धुर्वे उम्र 21 व शिवा पिता रतन मंडावी उम्र 22 दोनों निवासी ग्राम चिलगुड़ा, जिला खैरागढ़ को आईपीसी की धारा 147, 148, 149 व 436 के तहत अप्रैल माह में गिरफ्तार किया गया था। इनके खिलाफ आरोप था कि 10 अप्रैल को ग्राम बिरनपुर, नहर किनारे खातून बी के मकान को आग के हवाले कर दिया गया।
इस मामले में गांव के कोटवार प्रकाशदास मानिकपुरी के आवेदन पर मामला दर्ज किया गया। मामला दर्ज करने के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया। जब से इन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, तब से लेकर फैसला तारीख तक जेल में ही रहे है। लेकिन, विवेचना में पुलिस किसी भी प्रकार से साक्ष्य नहीं ला सकी। यहीं कारण है कि साक्ष्य के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया गया है।
आरोपी को पहचान नहीं सका कोटवार
इस मामले में कोर्ट में चली सुनवाई के दौरान ग्राम बिरनपुर के कोटवार प्रकाशदास मानिकपुरी ने पहचानने से इंकार कर दिया। इसके अलावा विवेचना में कई प्रकार की लापरवाही भी बरती गई। केवल वीडियो फुटेज, मोबाइल लोकेशन समेत अन्य आधार पर आरोपी बनाया गया। इस मामले में कोर्ट ने 31 पेज में फैसला दिया है।
जानिए पूरा मामला
ग्राम बिरनपुर में आठ अप्रैल 2023 को भुवनेश्वर साहू पिता ईश्वर साहू की हत्या गांव के नवाब खान समेत अन्य लोगों द्वारा कर दी गई थी। हत्या के विरोध में 10 अप्रैल को विश्व हिंद परिषद, बजरंग दल समेत भाजपा द्वारा छत्तीसगढ़ बंद बुलाया गया था। इसी बंद के दौरान गांव में हजारों की संख्या में लोग एकत्र हो गए थे। गांव के खातून बी के मकान में दोपहर दो से 2.30 के बीच में अज्ञात लोगों द्वारा आग लगा दिया गया। खातून बी का पूरा मकान जलकर राख हो गया था व कमरे में रखे सामान सिलाई मशीन, बर्तन, सायकल, घरेलू उपयोगी सामान जलकर नुकसान हो गया। राहत की बात थी कि इस घटना के दौरान खातून बी अपने परिवार के साथ विवाद के डर से कहीं चली गई थी। बता दे कि इसी दिन ही गांव में पिता-पुत्र के शव भी मिले थे। इनके सिर पर चोट के निशान थे। मृतक के नाम रहीम मोहम्मद और ईदुल मोहम्मद हैं। इस मामले में कुछ आरोपी पकड़े गए है