प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 09 अक्टूबर 2023
आज से छत्तीसगढ़ के साथ 5 राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू हो जायेगी, ऐसे में आपको जांजा महत्वपूर्ण हो जाता है कि अकाहिर यह आचार संहिता है क्या?
आदर्श चुनाव आचार संहिता (Model Code of Conduct) राजनीतिक दलों एवं प्रत्याशियों के लिये बनायी गयी एक नियमावली है जिसका पालन चुनाव के समय आवश्यक है। चुनाव आयोग चुनाव से पहले इसके लागू होने की घोषणा करता है और चुनाव के बाद इसके समाप्त होने की। यह सरकार, राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों तथा जनता को दिये गये निर्देश हैं, जिसका पालन चुनाव के दौरान किया जाना जरूरी है। चुनाव आचार संहिता चुनाव की तिथि की घोषणा से लागू होता है और यह मतदान के परिणाम आने पर समाप्त हो जाता है। चुनाव आचार संहिता संविधान में वर्णित नहीं किया गया है,अपितु यह एक क्रमशः प्रक्रिया का परिणाम है। इसका प्रवर्तन एक चुनाव आयुक्त एन.शेषण द्वारा किया गया है। चुनाव आचार संहिता के अंतर्गत अनेक बातें शामिल है-
1. सरकार के द्वारा लोक लुभावन घोषणाएँ नहीं करना।
2. चुनाव के दौरान सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग न करना।
3. राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के द्वारा जाति, धर्म व क्षेत्र से संबंधित मुद्दे न उठाना।
4. चुनाव के दौरान धन-बल और बाहु-बल का प्रयोग न करना।
- आदर्श आचार संहिता क्या है?
देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग कुछ नियम बनाता है। चुनाव आयोग के इन्हीं नियमों को आचार संहिता कहते हैं। लोकसभा/विधानसभा चुनाव के दौरान इन नियमों का पालन करना सरकार, नेता और राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी होती है। - आचार संहिता कब से लागू होती है?
आचार संहिता चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही लागू हो जाती है। देश में लोकसभा के चुनाव हर पांच साल पर होते हैं। अलग-अलग राज्यों की विधानसभा के चुनाव अलग-अलग समय पर होते रहते हैं। चुनाव आयोग के चुनाव कार्यक्रमों का एलान करते ही आचार संहिता लागू हो जाती है। - आचार संहिता कब तक लगी रहेगी?
आचार संहिता चुनाव प्रक्रिया के संपन्न होने तक लागू रहती है। चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही आचार संहिता देश में लगती है और वोटों की गिनती होने तक जारी रहती है । - आचार संहिता के मुख्य नियम क्या हैं?
- चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद कई नियम भी लागू हो जाते हैं। इनकी अवहेलना कोई भी राजनीतिक दल या राजनेता नहीं कर सकता।
- सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किसी विशेष राजनीतिक दल या नेता को फायदा पहुंचाने वाले काम के लिए नहीं होगा।
- सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी बंगले का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जाएगा।
- किसी भी तरह की सरकारी घोषणा, लोकार्पण और शिलान्यास आदि नहीं होगा।
- किसी भी राजनीतिक दल, प्रत्याशी, राजनेता या समर्थकों को रैली करने से पहले पुलिस से अनुमति लेनी होगी।
- किसी भी चुनावी रैली में धर्म या जाति के नाम पर वोट नहीं मांगे जाएंगे।
- आदर्श आचार संहिता की मुख्य विशेषताएं क्या हैं?
आदर्श आचार संहिता की मुख्य विशेषताएं निर्धारित करती हैं कि राजनीतिक दलों, निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यथियों और सत्ताधारी दलों को निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान कैसा व्यवहार करना चाहिए अर्थात् निर्वाचन प्रक्रिया, बैठकें आयोजित करने, शोभायात्राओं, मतदान दिवस गतिविधियों तथा सत्ताधारी दल के कामकाज इत्यादि के दौरान उनका सामान्य आचरण कैसा होगा। - क्या मंत्री अपने आधिकारिक दौरे को निर्वाचन प्रचार के साथ मिला सकते हैं?
नहीं। - क्या सरकारी वाहन को निर्वाचन प्रचार संबंधी कार्यों के लिए प्रयोग किया जा सकता है?
विमान, वाहनों इत्यादि सहित कोई भी सरकारी वाहन किसी दल या अभ्यर्थी के हितों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रयोग नहीं किया जाएगा। - क्या सरकार निर्वाचन कार्य से संबंधित पदाधिकारियों का स्थानांतरण और तैनाती कर सकती है?
निर्वाचन के आयोजन से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए सभी अधिकारियों/पदाधिकारियों के स्थानांतरण और तैनाती पर संपूर्ण प्रतिबंध होगा। यदि किसी अधिकारी का स्थानांतरण या तैनाती आवश्यक मानी जाती है तो आयोग की पूर्व-अनुमति ली जाएगी। - यदि निर्वाचन कार्य से संबंधित किसी अधिकारी का आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले सरकार द्वारा स्थानांतरण कर दिया जाता है और उसने नए स्थान पर कार्यभार ग्रहण नहीं किया है तो क्या ऐसा अधिकारी आचार संहिता की घोषणा के बाद नए स्थान पर कार्यभार ग्रहण कर सकता है?
नहीं। यथापूर्णस्थिति बनाए रखी जाएगी। - क्या निर्वाचनों के दौरान मंत्री आधिकारिक वाहन के हकदार होंगे?
- मंत्रियों को अपना आधिकारिक वाहन केवल अपने आधिकारिक निवास से अपने कार्यालय तक शासकीय कार्यों के लिए ही मिलेगा बशर्ते इस प्रकार के सफर को किसी निर्वाचन प्रचार कार्य या राजनीतिक गतिविधि से न जोड़ा जाए।
- क्या मंत्री या कोई अन्य राजनीतिक कार्यकर्ता सायरन सहित बीकन प्रकाश वाली पायलट कार का प्रयोग कर सकते हैं?
मंत्री या किसी अन्य राजनीतिक कार्यकर्ता को निर्वाचन अवधि के दौरान निजी या आधिकारिक दौरे पर किसी पायलट कार या किसी रंग की बीकन लाइट अथवा किसी भी प्रकार के सायरन सहित कार का प्रयोग करने की अनुमति नहीं होगी भले ही राज्य प्रशासन ने उसे सुरक्षा कवर दिया हो जिसमें ऐसे दौरों पर उसके साथ सशस्त्र अंगरक्षकों के उपस्थित रहने की आवश्यकता हो। यह निषेध सरकारी व निजी स्वामित्व वाले दोनों प्रकार के वाहनों पर लागू होगा।