प्रमोद मिश्रा, 13 अक्टूबर 2023
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य के सबसे बड़े अग्रणी पं.ज.ने.स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर में छोटे पशुओं पर शोध-प्रयोगों के लिये संस्थागत पशु इथिकल समिति (आई.ए.ई.सी) का गठन किया गया है। यह समिति महाविद्यालय में सर्वसुविधायुक्त, आधुनिक मापदंडों के आधार पर निर्मित और स्थापित ’’एनिमल हाऊस’’ के इथिकल विषयों पर नियंत्रण और मॉनिटरिंग करेगी।
एक बहुत कड़े जांच-पड़ताल और निरीक्षण पश्चात् इसे भारत सरकार के मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के पशुओं पर परीक्षण के नियंत्रण एवं पर्यवेक्षण प्रयोजनार्थ समिति (सी.पी.सी.एस.ई.ए.) द्वारा इस ’’एनिमल हाऊस’’ का अधिकृत पंजीयन किया गया है और सम्बधित ’’इथिक्स कमेटी’’ को मान्यता प्रदान की गई है। यह पंजीयन इस संस्था में छोटे पशुओं पर प्रयोगात्मक शोध कार्यों के लिये अवसर प्रदान करती है। सम्बन्धित इथिक्स कमेटी (आई.ए.ई.सी.) पैथोलॉजी विभाग के प्रोफेसर, विभागाध्यक्ष डॉ. अरविन्द नेरल की अध्यक्षता में कार्यरत होगी, जिसमें फार्मेकोलॉजी विभाग के प्रोफेसर, विभागाध्यक्ष डॉ. उषा जोशी सदस्य सचिव होगी। चिकित्सा महाविद्यालय से अन्य सदस्य हैं- डॉ. सुमित त्रिपाठी प्रोफेसर विभागाध्यक्ष फिजियोलॉजी, डॉ. जगन्नाथ पाल – वैज्ञानिक और डॉ. जसमित सिंह – पशुरोग विशेषज्ञ। सी.सी.एस.ई.ए. ने अपनी ओर से कुछ प्रतिष्ठित शोधार्थियों को इस समिति का सदस्य बनाया है, ये हैंः- डॉ. टी. पुगाजेन्थम एम्स रायपुर के फार्मेकोलॉजी विभाग के असि. प्रोफेसर, पं. रविशंकर शुक्ल वि.वि. के डॉ. दीपेन्द्र सिंह, शासकीय फॉर्मेसी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. शेखर वर्मा और आर.इ.टी.ई.ई.के. प्राचार्य डॉ. सत्याब्राता भंज।
संस्थागत एनिमल इथिक्स समिति के चेयरमेन डॉ. अरविन्द नेरल ने बताया कि चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर में ’’एनिमल हाऊस’ की स्थापना और समिति को अधिकृत मान्यता मिलने से छोटे पशुओं में परीक्षण और शोध कार्यो के लिये रास्ते खुलेंगे और यहां के शिक्षकों और स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को पशुओं पर निर्भर शोधकार्यों के लिए सुगमता होगी। ऐसे उच्चस्तरीय शोधकार्यों के लिये बढ़ावा मिलेगा, माहौल बनेगा और इस क्षेत्र में रूचि बढ़ेगी। दूसरे शैक्षणिक संस्थाओं के शोधार्थी भी इस समिति की अनुमति से ऐसे प्रयोग कर सकेंगे। सी.सी.एस.ई.ए. की पूर्व अनुमति से इस एनिमल हाऊस में पशुओं की ब्रीडिंग कराई जा सकेगी। चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर के हीरक जयंती वर्ष में यह महाविद्यालय की ऐतिहासिक व महत्वपूर्ण उपलब्धि है। सदस्य सचिव डॉ. उषा जोशी ने बताया कि एम.बी.बी.एस और एम.डी./एम.एस. पाठ्यक्रमों के एन.एम.सी. मान्यता प्राप्त करने के लिए पंजीकृत एनिमल हाऊस और अधिकृत एनिमल इथिकल कमेटी अनिवार्य है। इस समिति की प्रथम सामान्य सभा में संबंधित विषयों पर गहन चर्चा की गई और इसके सफल संचालन के लिये विचार-विमर्श किये गये।