दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में संरक्षित ट्रेन परिचालन के लिए उठाए जा रहे है एहतियाती कदम

छत्तीसगढ़

प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 14 दिसंबर 2023|ट्रेनों का संरक्षित परिचालन सुनिश्चित करना रेलवे की पहली प्राथमिकता रही है, और इसके लिए समय-समय पर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में अनेक अभियान चलाये जा रहे हैं। इसी कड़ी में ठंड के दिनों में भी सुगम एवं निर्बाध रूप से व्यवधान-मुक्त रेल सेवा प्रदान करने हेतु शीतकालीन पेट्रोलिंग प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष ज़ोरशोर से शुरू की गई है।

सर्दियों के मौसम में आमतौर पर रेल परिचालन बेहद कठिन और चैलेंजिंग हो जाता है । इस दौरान कोहरे के साथ ही रेल फ्रैक्चर की घटनाएं भी काफी दर्ज की जाती हैं। शरीर की हड्डी कंपा देने वाली इस ठंड में रेल लाइन की देखभाल करते हुए रेल यात्रियों की यात्रा को सुरक्षित बनाने में बड़ी जिम्मेदारी ट्रैकमैन की होती है। ये ट्रैकमैन भारतीय रेल के रीढ़ की हड्डी हैं जो सेना के जवान की तरह काम करते हैं। ठंड हो या गर्मी यहां तक कि ख़राब मौसम में भी ये ट्रैकमैन रेलवे ट्रैक पर अपनी ड्यूटी पर तैनात रहते हैं।

सर्दियों में रेल लाइनों पर संरक्षा को और अधिक मजबूत बनाने के लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के तीनों रेल मंडलों बिलासपुर, रायपुर एवं नागपुर के सभी रेलखंडों में पेट्रोलिंग कर्मचारियों की तैनाती की गई है । दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में लगभग 921 बीट है । एक बीट 2 किलोमीटर का होता है, जिसमें 02 पेट्रोलिंग कर्मचारी, जो कि ट्रेकमेन, कीमेन होते है प्रतिदिन रात्रि 10 बजे से लेकर प्रातः 06 बजे तक 4 चक्कर लगते है । इस प्रकार प्रत्येक पेट्रोलिंग दल प्रतिदिन 16 किलोमीटर चलकर रेल लाइनों का निरीक्षण करता है । सभी पेट्रोलमैन को जीपीएस ट्रैकर यानी ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम दिया गया, जिससे पेट्रोलिंग के समय इन पर निगरानी रखी जा सके । इसके अलावा, आपातकालीन स्थिति में इसी ट्रैकर की मदद से मोबाइल फोन द्वारा पेट्रोलमैन से कम्यूनिकेशन किया जा सकता है।

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