प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 27 फरवरी 2024
राष्ट्रीय सेवा योजना एवं आंजनेय विश्वविद्यालय के तत्वाधान में सोमावार को संकल्प दिवस पर ‘पाक अधिक्रांत जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा हैं और रहेगा’ विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व कुलपति, हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग व प्रांत अध्यक्ष जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख अध्ययन केन्द्र छत्तीसगढ़ प्रांत के डॉ. एन.पी. दीक्षित मौजूद रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि जम्मू-कश्मीर, भारत के एक प्राचीन गौरवशाली इतिहास समृद्ध अंग है, इसके ऐतिहासिक और भौगोलिक महत्व पर विचार रखे। इस क्षेत्र की बेहद समृद्ध धरोहर और प्राकृतिक सौंदर्य ने इसे विश्वभर में मशहूर बनाया है। जम्मू-कश्मीर के भौगोलिक और ऐतिहासिक तथ्यों का मानचित्र के साथ विस्तृत वर्णन किया और1994 में भारतीय संसद द्वारा पारित प्रस्ताव को रेखांकित किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राज्य राष्ट्रीय सेवा योजना अधिकारी प्रो. नीता वाजपेयी ने कहा कि हमारे इतिहासकारों ने देश को जैसा दिखाया है वैसा हम ने मान लिया है। परंतु हमें इसे ऐसे ही देखना की जरूरत नहीं है, यह इससे भिन्न है। जम्मू-कश्मीर से 370 व 35 ए के हटने के बाद काफी बदलाव देखा गया है। इस क्षेत्र के साथ अब हम मन और तन से जुड़ पाते हैं और हमें अखंड भारत का सपना सिद्ध होता दिख रहा है। साथ ही उन्होंने भारतीय संस्कृति के वसुधैव कुटुम्बकम पर विचार रखे।
विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व अध्यक्ष, वनवासी विकास समिति के गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि आज संकल्प दिवस पर भारत की प्रमुख समस्या पर हम सब विचार कर रहे हैं। एक समय था जब हम जम्मू कश्मीर से 370 व 35 ए हटाने पर विचार नहीं कर सकते थे पर आज की राजनीतिक संकल्पना ने इसे हटाने का संकल्प पूरा किया है। एक समय पर हम नारे देते थे कि “जो कश्मीर हमारा है,
वह सारे का सारा है”। जिसे आज साकार रूप दे दिया गया है।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति अभिषेक अग्रवाल ने कहा कि संकल्प दिवस का आयोजन विश्वविद्यालय में होना गर्व की बात है जिसके बारे में कोई चर्चा नहीं करता उसे हमारा विश्वविद्यालय साकार कर रहा है। जम्मू कश्मीर से 370 व 35 ए हटाने के संघर्षों को जानने की जरूरत है। जम्मू-कश्मीर एक अत्यंत सुंदर और प्राकृतिक रूप से धनी क्षेत्र है, जिसे “भारत का स्वर्ग” कहा जाता है। पाक अधिक्रांत जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा हैं और रहेगा।
कार्यक्रम के अंत में अतिथियों का शॉल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। आभार प्रदर्शन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. टी रामाराव ने किया। कार्यक्रम में प्रति कुलपति सुमीत श्रीवास्तव, डायरेक्टर जनरल डॉ. बीसी जैन, जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख अध्ययन केन्द्र छत्तीसगढ़ प्रांत के सह सचिव देश दीपक सिंह, संकल्प दीक्षित, विनोद अग्रवाल एवं शकील हुसैन व संयोजन डॉ. प्रांजली गनी ने किया सहित सभी संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, प्राध्यापकगण, कर्मचारीगण एवं सभी विभागों के विद्यार्थी उपस्थित रहे ।