प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 27 फरवरी 2024
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासन काल में हुए आबकारी विभाग में 2 हजार करोड़ की गड़बड़ी केस में एसीबी-ईओडब्ल्यू ने दूसरे दिन सोमवार को भी लाभांडी स्थित आबकारी भवन दफ्तर में छापेमारी की। एक टीम ने कोरबा सहायक आयुक्त सौरभ बख्शी के निवास पर दबिश दी और शाम 6 बजे जांच खत्म कर दी। कोरबा में शराब कारोबार से जुड़े दस्तावेज, कंप्यूटर, लैपटॉप, हार्ड डिस्क और पैन ड्राइव जब्त किए गए हैं।
वहीं, आबकारी भवन में नोटिस देकर दो दर्जन बिंदुओं पर जानकारी मांगी है कि शराब का परिवहन कौन करता था? किस कंपनी ने लाइसेंस दिया था? क्योंकि 11 महीने पहले ईडी ने यहां छापेमारी की थी, इस दौरान लैपटॉप, कम्प्यूटर, हार्ड डिस्क और बोरियों में दस्तावेज जब्त कर ले गए थे। दो दिनों की जांच में किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है।
एसीबी-ईओडब्ल्यू के अधिकारियों के अनुसार जब्त दस्तावेजों की जांच की जा रही है। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस कंप्यूटर, लैपटॉप, हार्ड डिक्स और पैन ड्राइव को जांच के लिए तकनीकी टीम को भेज दिया गया है। हालांकि पिछले साल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी आबकारी भवन में छापा मारा था। दो दिनों तक वहां जांच की। कंप्यूटर समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को जब्त कर ले गई थी। उस समय भी बोरियों में दस्तावेज जब्त किए गए थे। अब एसीबी-ईओडब्ल्यू जांच के लिए पहुंची। हालांकि अब आबकारी भवन के कई जिम्मेदार अधिकारी भी बदल गए हैं।
पूर्व मुख्य सचिव समेत 13 के यहां छापा
एसीबी-ईओडब्ल्यू ने रविवार को पूर्व मुख्य सचिव, दो रिटायर्ड आईएएस, आबकारी अधिकारी, कारोबारी समेत 13 लोगों के रायपुर, भिलाई, बिलासपुर, कोरबा, नोएडा के ठिकानों पर छापे मारे। करीब 15 घंटे चली जांच के दौरान ईओडब्ल्यू ने कई जगह दस्तावेज, कम्प्यूटर, लैपटॉप और
कुछ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए हैं। जब्त दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
ईडी से लेना होगा दस्तावेज
जानकारों के अनुसार ईडी के जांच के लगभग 11 माह बाद एसीबी-ईओडब्ल्यू जांच के लिए आबकारी भवन, सीएसएमसीएल और अन्य लोगों के दफ्तर और ठिकानों में पहुंची। वहां से ईडी पहले ही दस्तावेज ले गई है। वहां अब जांच टीम को ज्यादा कुछ मिलने की संभावना नहीं है। क्योंकि खुद ईओडब्ल्यू ने 17 जनवरी को केस दर्ज किया है। डेढ़ माह बाद कार्रवाई करने जा रहे है। इससे सभी अलर्ट थे। तीन दिन पहले से छापे की चर्चा थी। इसलिए अब उन्हें ईडी से दस्तावेज लेना पड़ेगा। तभी भ्रष्टाचार की जांच आगे बढ़ पाएगी।