9 May 2025, Fri 3:01:59 PM
Breaking

CG में भारतमाला घोटाले पर बड़ी कार्रवाई: करोड़ों के मुआवजा फर्जीवाड़े में EOW की छापेमारी, SDM-तहसीलदार-पटवारी समेत 4 अफसर गिरफ्तार, 220 करोड़ से ज्यादा के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश

प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 26 अप्रैल 2025

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भारतमाला परियोजना में गड़बड़ी के आरोपों के बीच आर्थिक अपराध अन्वेषण विभाग (EOW) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चार अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। शुक्रवार, 26 अप्रैल को EOW ने राज्य के 16 स्थानों पर छापेमारी कर कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए थे।

 

जानकारी के अनुसार, EOW ने नया रायपुर, अभनपुर, दुर्ग-भिलाई, आरंग, बिलासपुर समेत कई जिलों में SDM, तहसीलदार, पटवारी और RI सहित राजस्व विभाग के करीब 16 अधिकारियों और कर्मचारियों के घरों पर दबिश दी थी। जब्त दस्तावेज और उपकरण मामले की जांच में महत्वपूर्ण सबूत बन सकते हैं। गिरफ्तार अधिकारियों से पूछताछ जारी है।

इनके ठिकानों पर हुई छापेमारी:

  • अमरजीत सिंह गिल (ठेकेदार, दुर्ग)
  • हरजीत सिंह खनूजा (ठेकेदार, रायपुर)
  • जितेंद्र कुमार साहू (पटवारी, अभनपुर)
  • दिनेश कुमार साहू (पटवारी, माना बस्ती रायपुर)
  • निर्भय कुमार साहू (SDM, अटल नगर, नवा रायपुर और नरहरपुर, कांकेर)
  • हरमीत सिंह खनूजा (ठेकेदार, महासमुंद)
  • योगेश कुमार देवांगन (जमीन दलाल, रायपुर)
  • बसंती घृतलहरे (अभनपुर)
  • रोशन लाल वर्मा (RI, कचना रायपुर)
  • विजय जैन (कारोबारी, रायपुर)
  • उमा तिवारी (रायपुर)
  • दशमेश (तेलीबांधा गुरुद्वारा, रायपुर)
  • लखेश्वर प्रसाद किरण (तहसीलदार, कटघोरा और बिलासपुर)
  • शशिकांत कुर्रे (तहसीलदार, माना बस्ती और अभनपुर)
  • लेखराम देवांगन (पटवारी, रायपुर)

घोटाले का तरीका:

इन सभी पर आरोप है कि भारतमाला परियोजना के तहत अधिकृत भूमि पर फर्जी तरीके से 6-6 लोगों के नाम से मुआवजा निकलवाया गया और करोड़ों रुपए का गबन किया गया।

220 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला:

शुरुआत में घोटाले का आंकड़ा 43 करोड़ रुपये सामने आया था, लेकिन विस्तृत जांच में यह बढ़कर 220 करोड़ रुपये से ज्यादा होने की आशंका जताई जा रही है। जांच एजेंसी को अब तक 164 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन के सबूत मिल चुके हैं।

पढ़ें   CG में धान खरीदी का टूटा पिछला रिकॉर्ड: 145 लाख मीट्रिक टन से पार हुई खरीदी, 29 हजार 599 करोड़ का हुआ भुगतान, किसानों को 31 जनवरी तक मिलेगा लाभ

घोटाले की गंभीरता को देखते हुए नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने 6 मार्च को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर इस मामले की CBI जांच की मांग की थी। उन्होंने विधानसभा बजट सत्र 2025 में भी यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मामले की जांच EOW को सौंपने का निर्णय लिया गया था।

क्या है भारतमाला परियोजना मुआवजा घोटाला?

भारतमाला परियोजना के तहत रायपुर से विशाखापट्टनम तक 950 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण प्रस्तावित है, जिसमें दुर्ग से आरंग तक सिक्स लेन सड़क बननी है। परियोजना के लिए अधिग्रहित जमीन के बदले किसानों को मुआवजा दिया जाना था, लेकिन फर्जी दस्तावेजों के जरिये करोड़ों का घोटाला कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया।

अब EOW इस मामले की गहनता से जांच कर रही है और आगे और गिरफ्तारियां संभव मानी जा रही हैं।

Share

 

 

 

 

 

By Desk

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Missed