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गरियाबंद समाधान शिविर: किसान की पीड़ा ने भावुक किया माहौल, “साहब बंटवारा करा दो” कह साष्टांग हुए अशोक कश्यप

गरियाबंद, 28 मई 2025

देवभोग विकासखंड के निष्ठीगुड़ा ग्राम में मंगलवार को आयोजित समाधान शिविर में एक मार्मिक दृश्य तब सामने आया जब लाटापारा के किसान अशोक कुमार कश्यप अपनी भूमि के बंटवारे की गुहार लगाते हुए मंच पर चढ़ गए और एसडीएम तुलसी दास के समक्ष साष्टांग हो गए। उन्होंने करुण स्वर में केवल एक ही बात दोहराई—”साहब, बंटवारा करा दो।”

वर्षभर से भटक रहा है किसान, नहीं मिला न्याय

अशोक कश्यप ने बताया कि उनके नाम 4.28 एकड़ भूमि दर्ज है, किन्तु उस पर उनका बड़ा भाई काबिज है। वे गत एक वर्ष से खाता विभाजन की मांग करते आ रहे हैं तथा सुशासन तिहार अभियान के दौरान कई बार आवेदन भी दे चुके हैं। परंतु अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई।

प्रशासन करेगा स्थल निरीक्षण

एसडीएम तुलसी दास ने जानकारी दी कि पूर्व में एक बार अशोक को भूमि का कब्जा दिलाया गया था, परंतु कुछ समय पश्चात पुनः दूसरा पक्ष भूमि पर काबिज हो गया। अब प्रशासन स्थल निरीक्षण कर स्थायी समाधान की दिशा में कार्य करेगा।

देवभोग में लंबित हैं सैकड़ों राजस्व प्रकरण

देवभोग के तीनों राजस्व न्यायालयों में कुल 394 प्रकरण विचाराधीन हैं। इनमें नायब तहसीलदार के समक्ष 129, तहसीलदार न्यायालय में 185 तथा एसडीएम न्यायालय में 80 प्रकरण लंबित हैं। इनमें सर्वाधिक 104 सीमांकन, 72 क्षतिपूर्ति तथा 31 खाता विभाजन से संबंधित हैं।

पुरानी त्रुटियों से उपजे भूमि विवाद

तहसीलदार चितेश देवांगन ने बताया कि अभिलेखों में अशोक कश्यप के नाम मात्र 2 एकड़ भूमि दर्ज है, जबकि वे पुराने दस्तावेजों के आधार पर 4 एकड़ का दावा कर रहे हैं। वर्ष 1991 में हुए अंतिम बंदोबस्त में अनेक त्रुटियाँ रह गई थीं, जिससे हर वर्ष बोनी के समय अनेक विवाद तहसील और थाना स्तर तक पहुँचते हैं।

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पटवारियों की कमी बनी बाधा

देवभोग में कुल 93 राजस्व ग्राम हैं, परंतु एकमात्र तहसीलदार और एसडीएम पदस्थ हैं। नायब तहसीलदार का पद रिक्त है। तीन आरआई सर्कलों में मात्र एक राजस्व निरीक्षक कार्यरत है। 27 हल्कों में केवल 14 पटवारी नियुक्त हैं। यह स्पष्ट रूप से अपर्याप्त संख्या है, जिससे राजस्व प्रकरणों के त्वरित निपटारे में बाधा उत्पन्न हो रही है।

निष्ठीगुड़ा का समाधान शिविर उन किसानों की पीड़ा का दर्पण बन गया, जो वर्षों से न्याय के लिए प्रशासनिक गलियारों में भटक रहे हैं। आशा है कि अब प्रशासन ठोस कदम उठाकर ऐसी समस्याओं का स्थायी समाधान निकालेगा।

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