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नई खदान का क्लीयरेंस लटका : खनिज विभाग को चपत, निर्धारित लक्ष्य से 19 प्रतिशत पीछे

प्रमोद मिश्रा

कोरबा, 5 अप्रैल 2024|। खनिज संपदा के दोहन को लेकर सरकार की ओर से मिलने वाली पर्यावरणीय स्वीकृति का राज्य सरकार के राजकोष पर भी काफी असर पड़ता है। एसईसीएल की एक परियोजना के मामले में स्वीकृत नहीं मिलने के कारण इस वर्ष कोरबा जिले में खनिज विभाग का राजस्व लक्ष्य पूरा नहीं हो सका। निर्धारित लक्ष्य का पीछा करने के बावजूद विभाग 19फीसदी पीछे रह गया। राज्य सरकार को इस तथ्य से अवगत करा दिया गया है।
छत्तीसगढ़ के लिए सर्वाधिक खनिज राजस्व अर्जित करने वाले जिले में कोरबा की गिनती होती है। जिला गठन के पहले यह बिलासपुर को खुश होने का मौका देता रहा जबकि पृथक जिला बनने के बाद कोरबा ने राजस्व अर्जन करने के मामले में रिकॉर्ड बनाएं। खनिज विभाग के उप संचालक प्रमोद नायक ने बताया कि वित्त वर्ष 2023 24 में खनिज विभाग को 3300 करोड़ का राजस्व अर्जित करने का लक्ष्य हासिल हुआ था लेकिन उसने 2700 करोड़ की रकम ही रॉयल्टी से अर्जित कर सका। जबकि इसके 1 वर्ष पहले कोरबा जिले ने निर्धारित लक्ष्य की तुलना में 144 फ़ीसदी राजस्व अर्जित किया था।
पिछले वित्त वर्ष में निर्धारित लक्ष्य के मुकाबले केवल 81त्न का लक्ष्य खनिज विभाग अर्जित कर सका और 19फीसदी पीछे रह गया। विभाग के अधिकारी ने तकनीकी के आधार पर इसे स्पष्ट किया और बताया कि एसईसीएल की विस्तारित परियोजना का आकलन करते हुए सरकार ने हमें बड़ा हुआ लक्ष्य दिया था। नई परियोजना को पर्यावरणीय स्वीकृति नहीं मिलने के कारण इसका असर हमारे राजस्व पर पड़ा है।

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