ब्यूरो रिपोर्ट
नई दिल्ली, 10 मई 2024। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने का विरोध करते हुए ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को एक हलफनामा दायर किया। ईडी ने अपने हलफनामा में लिखा, ‘चुनाव प्रचार मौलिक अधिकार नहीं है। चुनाव प्रचार करना संवैधानिक अधिकार भी नहीं है और यह कानूनी अधिकार भी नहीं है। अगर केजरीवाल को जमानत दी गई तो इससे गलत परंपरा शुरू होगी। यहां तक कि जेल से चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों को भी इसकी अनुमति नहीं जाती है।’
बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की। गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई कर रही पीठ की अध्यक्षता करने वाले न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता ने गुरुवार को कहा था कि वह शुक्रवार को अंतरिम अंतरिम जमानत पर फैसला सुनाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पूछा था कि ईडी ने शुरुआती जांच और पूछताछ में दर्ज किए गए अभियुक्तों के बयानों में केजरीवाल से संबंधित सवाल क्यों नहीं पूछे? जांच को दो साल हो रहे हैं, इतना समय कैसे लगा? इसके अलावा कोर्ट ने ईडी को मामले की केस डायरी और दस्तावेज पेश करने को कहा। सुनवाई का समय समाप्त होने पर कोर्ट केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर कोई आदेश नहीं आया था।
21 मार्च से जेल में बंद हैं सीएम केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में जेल में बंद हैं। 9 समन भेजे जाने के बाद भी पूछताछ में शामिल नहीं होने पर ईडी ने उन्हें 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में गिरफ्तारी को चुनौती दी है। वहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी को वैध ठहराया था।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि चुनाव प्रचार का अधिकार न तो मौलिक, कानूनी और न ही संवैधानिक अधिकार है.
हलफनामे में कहा गया है, “अभिसाक्षी की जानकारी के अनुसार किसी भी राजनीतिक नेता को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत नहीं दी गई है, भले ही वह चुनाव लड़ने वाला उम्मीदवार न हो। यहां तक कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को भी अंतरिम जमानत नहीं दी जाती है यदि वह अपने स्वयं के प्रचार के लिए हिरासत में है … पिछले 5 वर्षों में लगभग 123 चुनाव हुए हैं और यदि चुनाव में प्रचार के उद्देश्य से अंतरिम जमानत दी जानी है, तो किसी भी राजनेता को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है और न्यायिक हिरासत में नहीं रखा जा सकता है क्योंकि चुनाव पूरे वर्ष होते हैं।“