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मध्य प्रदेश पुलिस `तफ्तीश नहीं, करेगी `जांच` : पुलिस कार्यवाही में अब उर्दू-फारसी नहीं, हिंदी शब्दों का करेगी उपयोग; ADG का पत्र जारी

ब्यूरो रिपोर्ट

भोपाल, 15 मई 2024

मध्य प्रदेश में पुलिस कार्यवाही में अब उर्दू-फारसी के शब्दों के स्थान पर हिंदी शब्दों का उपयोग किया जाएगा। राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अपराध अनुसंधान) पवन श्रीवास्तव ने प्रदेश की सभी जिला पुलिस इकाइयों को स्मरण पत्र भेजकर समस्त कार्यवाही में उर्दू-फारसी के शब्दों के स्थान पर हिंदी शब्दों के अधिक से अधिक उपयोग की अपेक्षा की है।उन्होंने लिखा है कि हिंदी के उपयुक्त शब्द उपलब्ध होने के बाद भी उर्दू-फारसी के शब्दों का उपयोग अधिक हो रहा है, जबकि शासन ने दो वर्ष पहले ही अपेक्षा की थी कि हिंदी शब्दों का प्रयोग अधिक हो। उल्लेखनीय है कि पुलिस ने कार्यवाही में उपयोग होने वाले उर्दू, फारसी के 69 शब्दों की जगह सरल हिंदी के शब्द सुझाए थे।दफा, कैदखाना, जरायम, इत्तिला, इमदाद, खून आलूदा, मुचलका, खैरियत जैसे कई ऐसे उर्दू और फारसी के शब्द हैं, जिन्हें पुलिस प्राथमिकी से लेकर बयान और चालान तक में आज भी उपयोग करती है। पुलिसकर्मी या पेशेवर लोग तो इसका अर्थ समझ लेते हैं, पर शिकायतकर्ता या आरोपित को इन शब्दों का अर्थ पता करने में पसीना आ जाता है।



अंग्रेजों के जमाने से इन शब्दों का चलन है और इनके सरल हिंदी शब्द उपलब्ध होने के बाद भी पुलिस परंपरा को ढोती आ रही है। वर्ष 2022 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि उर्दू-फारसी की जगह पुलिस को हिंदी के सरल शब्दों का उपयोग करना चाहिए। इसके बाद गृह विभाग ने इस पर अमल के आदेश जारी किए थे, पर अधिकतर जगह पुलिस सुस्ती दिखा रही थी। दफा – धारा कैदखाना रक्त रंजित गवाह – साक्षी बयान – कथनमसरूका – संपत्तिसंगीन – गंभीर सजा – दोष सिद्ध हिकमत अमली – विवेकानुसार गोस्वारा – नक्शा दस्तंदाजी – संज्ञेय मर्ग – अकाल मृत्यु मुतफार्रिक – विविध।

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