प्रमोद मिश्रा
बिलासपुर, 07 जुलाई 2024
चार्टिडीह स्लम एरिया में निवासरत शीतलदास मानिकपुरी कबाड़ इकट्ठा कर अपने परिवार का भरण पोषण करता है। उनकी पत्नी रामेश्वरी बाई गृहिणी हैं। परिवार कम में भी हंसी खुशी से जीवन व्यतीत कर रहे थी। इस बीच परिवार में बड़ी विपदा आन पड़ी।
पिता शीतलदास और माँ रामेश्वरी बाई की 13 वर्षीय पुत्री को कुछ शारीरिक परेशानी होने लगी। बच्ची के परिजनों ने स्थानीय डॉक्टर्स को दिखाया। डॉक्टरों ने बच्ची के दिल में छेद होने की जानकारी दी, जिसका इलाज जटिल ऑपरेशन ही एक मात्र उपाय बताया गया। अब माता-पिता दोनों उचित जानकारी के अभाव व आर्थिक रूप से बेहद कमजोर होने के कारण विगत दो वर्षों से इधर-उधर बच्ची की इलाज के लिए भटक रहे थे।
परिवार मदद की आस लेकर गुहार लगाते रहे, लेकिन कही मदद नहीं मिली। इसमें गरीबी और अज्ञानता दोनो आड़े आ रही थी। इस बीच किसी ने सत्यसाईं बाबा हॉस्पिटल रायपुर में दिल के छेद की निःशुल्क इलाज होने की जानकारी दी।
माता -पिता दोनों बच्ची को लेकर रायपुर पहुँच गए पर इलाज के लिए टोकन नहीं मिला। इस कारण उन्हें उसी हॉस्पिटल के सड़क किनारे रात गुजार कर टोकन के लिए 5 दिन इंतजार किया। कइसके बाद भी जब टोकन नहीं मिला, तब रोजी रोज़गार की समस्या भी आन पड़ी। उस स्थिति में माँ-पिता दोनों बेबस होकर बच्ची को बिना इलाज कराए वापस बिलासपुर आ गए और अब ऊपर वाले के सहारे के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं था।
इस मामले की विस्तृत जानकारी बिलासपुर के ही पत्रकार मनोज राज व उमेश सिंह को मिली, तब पत्रकार मनोज राज ने इसे गम्भीरता से लेते हुए उप मुख्यमंत्री अरुण साव जी से फोन पर बात कर पीड़ित बच्ची के इलाज के लिए उचित व्यवस्था की बात कही। उप मुख्यमंत्री ने इस विषय को बेहद गंभीरता से लेते हुए तत्काल संबंधित अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से बच्ची की मदद करने दिशा-निर्देश दिए।
परिणाम स्वरूप 25 जून 2024 को एमएमआई नारायणा हॉस्पिटल में पीड़ित बच्ची का सफलतापूर्वक निःशुल्क ऑपरेशन हुआ और अब बच्ची डॉक्टर की कुछ दिनों के परहेज के साथ अपने परिवार में बेहद खुश है। परिवार के पुराने खुशी के दिन फिर लौट आई है। इस बीच परिवार ने इस दुख की घड़ी से निकलने पर भगवान को धन्यवाद कहा, लेकिन इलाज में मदद करने वाले उप मुख्यमंत्री अरुण साव का धन्यवाद नहीं कह पाए थे, आज वो दिन भी आ गया। माता-पिता और बच्ची उप मुख्यमंत्री से मिलने उनके बिलासपुर स्थित कार्यालय पहुंचे, इस दौरान श्री साव को देखते ही उनके आंखों में कृतज्ञता के आंसू छलक आए। परिवार ने कहा कि, आप हमारे लिए भगवान के समान है, आपने हमारी बच्ची की जान बचाई है, इसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। आप ऐसे ही लोगों की मदद करते रहें।
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