प्रमोद मिश्रा
रायपुर 24 अगस्त 2024
नक्सलवाद के खात्मे को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में इंटरस्टेट कोर्डिनेशन कमेटी की बैठक संपंन्न हो गई है। इस दौरान प्रेस कांफ्रेंस में अमित शाह ने कहा मार्च 2026 तक पूरे देश से खत्म नक्सलवाद हो जाएगा। केंद्रीय गृहमंत्री ने प्रदेश के युवाओं से हथियार छोड़ने की अपील भी की है।
दोपहर को शुरू हुई यह बैठक शाम तक चलती रही। इस बैठक में सातों राज्यों में हुए नक्सल ऑपरेशन की समीक्षा की गई। सभी CS और डीजीपी से नक्सल उन्मूलन को लेकर सुझाव मांगे गए। बैठक में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय भी उपस्थित हैं।
इसके अलावा बैठक में मॉनसून के बाद जॉइंट ऑपरेशन तेज करने की रणनीति पर चर्चा हुई है। नक्सल ऑपरेशन में नई हाईटेक तकनीकी का इस्तेमाल पर भी विचार विमर्श किया गया है। इसके साथ ही बैठक में नक्सल क्षेत्रों के विकास पर भी जोर दिया गया है। छत्तीसगढ़ के साथ-साथ झारखंड, उड़ीसा, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश के मुख्यसचिव, DGP और सुरक्षा बल के अफसर बैठक में मौजूद रहे।
इसके पहले आज राजधानी रायपुर के मेफेयर रिसोर्ट में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ कन्वेंशन सेंटर में इंटर स्टेट कोऑर्डिनेशन की बैठक शुरू की गई। बैठक में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, गृह मंत्री विजय शर्मा भी मौजूद रहे। वहीं 7 राज्यों के मुख्य सचिव और डीजीपी मौजूद रहे। नक्सल मोर्चे पर काम कर रही सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुख भी मौजूद रहे। बैठक में पुराने अभियान की समीक्षा भी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किया है।
इंटर स्टेट कोर्डिनेशन कमेटी की बैठक के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ पुलिस महकमे की भी बैठक ली। जहां पर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा, विकास पर चर्चा हुई। प्रदेश में लॉ एंड आर्डर की भी समीक्षा केंद्रीय मंत्री ने की है। इस बैठक में CM, गृहमंत्री के साथ ही DGP समेत पुलिस के बड़े अधिकारी मौजूद रहे। बैठक खत्म होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमित शाह ने कई प्रकार के आंकड़े गिनाए हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अब समय आ गया है कि वामपंथी उग्रवाद की समस्या पर एक मजबूत रणनीति के साथ अंतिम प्रहार किया जाए। आज की मीटिंग में गृह विभाग के मेरे साथी नित्यानंद राय भी मौजूद थे। विगत चार दशक में 17000 लोगों की नक्सलवाद की वजह से जान गई। इनके हाथ में जो हथियार है उनसे हथियार छुड़ाने का प्रयास करना है। नक्सली क्षेत्र में अच्छा विकास हो रहा है।
अमित शाह ने कहा कि हमने वामपंथी नक्सलवाद के बदले विकास का प्रयास किया है। 53% नक्सलवाद की घटनाओं में कमी आई है। सुरक्षाबलों और नागरिकों की मौत की घटना में कमी आई है। मार्च 2026 तक नक्सलवाद खत्म करने का वादा हमने किया है।
अमित शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार आने के बाद अच्छा काम किया है। 179 नक्सलियों को मार गिराया है, 559 लोगों को गिरफ्तार किया गया, 540 नक्सलियों ने आत्म समर्पण किया है। नक्सलवाद के खात्मे को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार की तारीफ की। अमित शाह ने हिड़मा के गांव का दौरा करने पर गृह मंत्री विजय शर्मा की तारीफ की। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों का उल्लेख किया है। अमित शाह ने नक्सल क्षेत्र में हुए विकास कार्यों को भी गिनाया है। सड़क निर्माण 21 हजार करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।
गृहमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रशासन के जिला कलेक्टर और एसपी समेत प्रशासन का अहम रोल है। 10 सालों में सरकार ने कई काम किए हैं। नक्सल क्षेत्र में कनेक्टिविटी पर फोकस किया है। सड़क संपर्क के लिए करोड़ों रुपए की सड़कें बनाई हैं। फाइनेंशियल इनक्लूजन के लिए 22796 बैंक शाखाएं खोली गई हैं। 2061 एटीएम खोले, 32496 बैकिंग करैसपॉन्डेंट पहुंचाए हैं। नक्सल क्षेत्र में पहली बार एटीएम, पोस्टऑफिस, बैंक पहुंचना शुरू हुआ है।
अमित शाह ने कहा कि शिक्षा, कौशल विकास, कनेक्टिवटी में अहम काम किया है। आज की मीटिंग में मुख्यमंत्री ने कुछ फैसले लिए हैं। नक्सल क्षेत्र में निरक्षरों को साक्षरता अभियान चलाया जाएगा। तेंदूपत्ता खरीदी में बड़ा बदलाव करेंगे। एनआईए की तर्ज पर एसआईए और मजबूत करेंगे। आत्मसमर्पण नीति की भी राज्य सरकार एक दो महीनों में घोषणा करेगी। अमित शाह ने की सभी युवाओं से की अपील। सरकार विकास के लिए कटिबद्ध है, हथियार छोड़िए, पीएम मोदी के साथ विकास रथ में जुड़िए।
अमित शाह ने कहा कि सरकार सिर्फ कार्रवाई में नहीं विश्वास करती, बल्कि समेकित रूप से देखती है। सबका मैं आह्वान कर रहा हूं, जो नहीं जुड़ते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। ज्वाइंट टास्क फोर्स बनाए गए हैं। सूचना का सिस्टम अच्छा बनाया है। भारत सरकार सबके बीच में समन्वय कर रही है।इसके नतीजे भी खूब मिले हैं। हमारे आंकड़े हैं आत्मसमर्पण के ज्यादा, उससे कम गिरफ्तारी के और सबसे कम मौत के, लेकिन कोई एके-47 लेकर बात करेगा तो फिर मारना पड़ेगा। सूचना के आदान-प्रदान खाका का मजबूत किया गया है। जॉइंट ऑपरेशन की भी रणनीति बनाई गई।