छत्तीसगढ़ को 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस पर राष्ट्रीय स्तर पर मिलेगा सम्मान : बस्तर जिले के चित्रकोट और ढूढमारस गांवों को उत्कृष्टता के लिए किया जाएगा सम्मानित, पीएम मोदी के विजन के तहत पर्यटन क्षेत्र में छत्तीसगढ़ का विकास

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प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 25 सितंबर 2024

विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी उपलब्धि हासिल होने जा रही है। भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा आयोजित द बेस्ट टूरिज्म विलेज कम्पटिशन 2024 के तहत बस्तर जिले के ढूढमारस और चित्रकोट गांवों को विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा। बस्तर के ढूढमारस गांव को एडवेंचर टूरिज्म के क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन तथा चित्रकोट को सामुदायिक आधारित पर्यटन में उत्कृष्ट कार्य के लिए यह सम्मान मिलेगा। यह सम्मान 27 सितंबर को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित विश्व पर्यटन दिवस समारोह में प्रदान किया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मानना है कि पर्यटन भारत की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के साथ-साथ स्थानीय समुदायों के आर्थिक सशक्तिकरण का भी एक प्रभावी साधन है।उनका दृष्टिकोण है कि पर्यावरण संरक्षण के साथ स्थायी और समावेशी पर्यटन का विकास किया जाए, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिले।

 

 

इस दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार ने भी ठोस कदम उठाए हैं। राज्य ने अपनी वन संपदा, जनजातीय परंपराओं, और प्राकृतिक धरोहर को संरक्षित करते हुए इन क्षेत्रों में पर्यटन का विकास किया है। पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार देने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विविधता को पर्यटन के माध्यम से वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है।

**मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का पर्यटन विकास का विजन**

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ के पर्यटन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाओं की घोषणा की है। धार्मिक पर्यटन के तहत, राज्य में पांच शक्तिपीठों—कृसूरजपुर का कुदरगढ़, चंद्रपुर का चंद्रहासिनी मंदिर, रतनपुर का महामाया मंदिर, डोंगरगढ़ का बम्लेश्वरी मंदिर और दंतेवाड़ा का दंतेश्वरी मंदिर का विकास किया जा रहा है। इसके अलावा, प्रदेश में इको टूरिज्म और मेडिकल टूरिज्म में राज्य सरकार का विशेष फोकस है।

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राज्य सरकार ने धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए ग्रांट बढ़ाने का निर्णय लिया है, जिससे धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को संरक्षित करते हुए इनके आयोजनों की तैयारी में तेजी आएगी। बस्तर दशहरा का आयोजन इस बार विशेष रूप से भव्य और विशाल होगा। यह पर्व न केवल स्थानीय संस्कृति को प्रदर्शित करेगा, बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र बनेगा।

मुख्यमंत्री साय ने कहा, हमारा उद्देश्य छत्तीसगढ़ को एक प्रमुख पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित करना है, जहाँ पर्यटकों को हमारे वन्य जीवन, जनजातीय धरोहर और प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव हो। उनके विजन के अनुसार, राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों में वेलनेस टूरिज्म, कृषि पर्यटन, और एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके अलावा, मनोरंजन पार्कों और सांस्कृतिक केंद्रों का विकास भी राज्य के पर्यटन को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध हो रहा है।

अमृत काल विजन डॉक्यूमेंट 2024 के तहत मुख्यमंत्री ने राज्य की पर्यटन आकांक्षाओं को एक रूप देने की बात कही है। इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ को वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए व्यापक कार्य किया जा रहा है, जहाँ अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।

**चित्रकोट और ढूढमारस की धरोहर**

छत्तीसगढ़ के ये दोनों गांव, ढूढमारस और चित्रकोट, राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक संपदा के प्रतीक हैं। चित्रकोट का प्रसिद्ध जलप्रपात, जिसे भारत का नियाग्रा भी कहा जाता है, पर्यटकों के लिए एक अद्वितीय आकर्षण है। वहीं, ढूढमारस गांव अपने एडवेंचर टूरिज्म के लिए प्रसिद्ध है, जहाँ पर्यटक रोमांचक गतिविधियों का अनुभव कर सकते हैं।

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इन दोनों गांवों का सम्मानित होना राज्य के पर्यटन क्षेत्र के लिए एक विशेष उपलब्धि है। यह न केवल छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपराओं की पहचान को मजबूत करेगा, बल्कि राज्य के पर्यावरणीय पर्यटन को भी नया आयाम देगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि पर छत्तीसगढ़ की जनता, अधिकारियों और स्थानीय समुदायों को बधाई दी। उन्होंने कहा, यह पुरस्कार हमारी सांस्कृतिक धरोहर और पर्यावरणीय संपदा की विजय है। हमारा लक्ष्य पर्यटन को राज्य की समृद्धि और विकास का प्रमुख साधन बनाना है।

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