राष्ट्रपति मुर्मु की ग्रुप फोटो के बैकड्रॉप में मधेश्वर पहाड़ : क्यों खास है मधेश्वर पहाड़

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प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 26 अक्टूबर 2024 – राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु अपने दो दिवसीय प्रवास पर छत्तीसगढ़ में थीं। प्रवास के दूसरे दिन आज राष्ट्रपति मुर्मु नवा रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में मुख्यमंत्री साय द्वारा आयोजित दोपहर भोज में शामिल हुईं। इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मु की मुख्यमंत्री साय, उनके परिवारजनों, और अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ ग्रुप फोटो ली गई। इस फोटो की खास बात थी कि इसके बैकड्रॉप में जशपुर का खूबसूरत मधेश्वर पहाड़ प्रदर्शित था।

मधेश्वर पहाड़, जो जशपुर जिले के कुनकुरी ब्लॉक में स्थित है, विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग के रूप में पूजा जाता है। छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य जशपुर जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर मयाली ग्राम में स्थित मधेश्वर पहाड़ की आकृति शिवलिंग जैसी है। ग्रामीण इसकी पूजा करते हैं, और इसे विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग होने का गौरव प्राप्त है। यहाँ सैलानी दूर-दूर से आते हैं और प्रकृति से जुड़ते हैं। मधेश्वर पहाड़ पर पर्वतारोहण का आनंद भी लिया जा सकता है। जशपुर जिले में एडवेंचर स्पोर्ट्स और पर्यटन के विकास की अपार संभावनाएं हैं।

22 अक्टूबर को मयाली नेचर कैम्प में सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी, जिसमें मंत्रीगण और प्राधिकरण के सदस्य शामिल हुए। मयाली नेचर कैम्प को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। प्रकृति की गोद में बसा जशपुर अपनी मनमोहक छटा के कारण लोगों को सहज ही अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।

 

 

 

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