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पचराही गांव में जल जीवन मिशन ने बदली तस्वीर : विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा आदिवासियों के घरों तक पहुंचा नल से स्वच्छ पेयजल, महिलाओं के जीवन में आई खुशहाली

प्रमोद मिश्रा
रायपुर. 28 नवम्बर 2024.

कई बरस बाद पचराही गांव एक बार फिर सुर्खियों में है। सालों पहले यहां पुरातात्विक खुदाई में मिले 16वीं शताब्दी के सिक्कों और औजारों की वजह से पूरे देश में यह गांव चर्चा में आया था। पचराही इस बार भी एक अच्छे कारण से चर्चा में है।

पचराही के रहवासियों, खासकर महिलाओं के चेहरे खुशी से दमक रहे हैं। विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा आदिवासियों की बहुलता वाले इस दूरस्थ गांव में अब हर घर में नल से पेयजल पहुंच रहा है। पेयजल और परिवार की अन्य जरूरतों के लिए पानी इकट्ठा करने रोज जूझने वाली महिलाएं अब सुकून से हैं। घर के आंगन तक पहुंचे नल से पूरे परिवार की जरूरतों के लिए भरपूर पानी आ रहा है। इसने गांव की महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव ला दिया है। हर घर स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल ने गांववालों को गंदे पानी से होने वाली सेहत के खतरों से भी चिंतामुक्त कर दिया है।

 

कबीरधाम जिला मुख्यालय कवर्धा से 35 किलोमीटर दूर बोड़ला विकासखंड के पचराही में जल जीवन मिशन ने खुशियों की नई इबारत लिखी है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने 68 लाख रुपए की लागत से यहां जल आपूर्ति की व्यवस्था तैयार की है, जिससे गांव के 72 परिवारों को उनके घर पर ही पेयजल मिल रहा है। अब यहां की महिलाओं को पानी के लिए सवेरे से ही नहीं जूझना पड़ता। पहले महिलाओं को रोज दूर-दराज के जल स्रोतों से पानी लाने कड़ी मेहनत करनी पड़ती थी। पर अब घर पर ही स्वच्छ जल की उपलब्धता ने उनके जीवन को सरल और आरामदायक बना दिया है। घर पर ही पानी मिलने से इसके लिए रोजाना लगने वाले समय और श्रम की बचत हो रही है। इससे उन्हें अपनी आजीविका, बच्चों की परवरिश और घर के दूसरे कामों के लिए ज्यादा समय मिल रहा है।

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जल जीवन मिशन से पचराही के सभी लोगों को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल मिल रहा है। नल जल योजना के पहले यहां के लोग पेयजल के लिए हैंडपंप तथा नदी-नालों पर आश्रित थे। यहां भू-जल में लौह तत्व की अधिकता के कारण पेयजल की समस्या बनी रहती थी। पर अब नल जल योजना ने पेयजल संबंधी सभी समस्याओं का निराकरण कर दिया है। अब हर घर में स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल पहुंच रहा है। जंगलों के बीच बसे करीब 300 की आबादी वाले ग्राम पंचायत बोदा-3 के आश्रित गांव पचराही में सोलर पंप के माध्यम से पेयजल योजना संचालित की जा रही है।

कबीरधाम के 85 गांवों में सभी घरों में मिल रहा नल से जल

जल जीवन मिशन के तहत कबीरधाम जिले के 85 गांवों में सभी घरों में नल से पेयजल की आपूर्ति हो रही है। मिशन के तहत जिले के कुल 958 गांवों में हर घर नल से जल पहुंचाया जाएगा। इनमें से 205 गांवों में काम लगभग पूर्ण कर लिया गया है। शेष गांवों में भी काम तेजी से जारी है जिन्हें मार्च-2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। वनांचलों और दूरस्थ क्षेत्रों की छोटी एवं बिरल बसाहटों तक सोलर पंपों के माध्यम से जलापूर्ति के काम प्राथमिकता से पूरे किए जा रहे हैं।

भू-जल स्रोतों में समस्या वाले गांवों के लिए मल्टी-विलेज योजनाएं

भू-जल स्रोतों में समस्या वाले कबीरधाम जिले के दो क्षेत्रों में मल्टी-विलेज योजना के माध्यम से नदी का पानी पहुंचाने का काम भी प्रगति पर है। रेंगाखार मल्टी-विलेज योजना से भू-जल में आयरन की अधिकता वाले 15 गांवों में पेयजल की आपूर्ति की जाएगी। इसके लिए बहेराखार जलाशय का पानी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए शुद्ध कर आपूर्ति के लिए गांवों में बनी टंकियों में पहुंचाया जाएगा। वहीं धमकी बमनी मल्टी-विलेज योजना से भू-जल स्तर के ज्यादा नीचे चले जाने से प्रभावित 16 गांवों में सरोधा जलाशय का पानी पेयजल के लिए पहुंचाया जाएगा।

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