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छत्तीसगढ़ को मिला 147 करोड़ का तोहफा: बनेगी चित्रोत्पला फिल्म सिटी, छत्तीसगढ़ी भाषा और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, पद्मश्री सम्मान राशि भी दोगुनी

प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 29 नवंबर 2024

छत्तीसगढ़ में 147 करोड़ रुपए की लागत से चित्रोत्पला फिल्म सिटी बनाई जाएगी। इसके लिए भारत सरकार ने 147 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी भाषा में दिए गए अपने संबोधन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने फिल्म सिटी के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की है। इस फिल्म सिटी के निर्माण से छत्तीसगढ़ी फिल्मों और नाटकों को प्रोत्साहन मिलेगा और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में पद्मश्री सम्मान से विभूषित छत्तीसगढ़ की विभूतियों की सम्मान राशि प्रतिमाह 5 हजार रुपए से बढ़ाकर 10 हजार रुपए करने की घोषणा की।

 

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ी भाषा के विकास के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। छत्तीसगढ़ी गुरतुर भाषा है, जो लोगों को दिल से जोड़ती है। छत्तीसगढ़ी फिल्मों ने इस भाषा को बढ़ावा देने में बड़ा योगदान दिया है।

मुख्यमंत्री ने साहित्य परिषद में छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के विलय को समाप्त करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग राजभाषा छत्तीसगढ़ी को बढ़ावा देने का कार्य करता रहेगा। इससे पहले, इस आयोग का साहित्य परिषद में विलय कर दिया गया था।

कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी भाषा को समृद्ध करने वाले छह साहित्यकारों को शॉल-श्रीफल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग द्वारा प्रकाशित छत्तीसगढ़ी भाषा में लिखित 12 पुस्तकों का विमोचन भी किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा को लोकप्रिय बनाने और राजभाषा का सम्मान देने के लिए यह जरूरी है कि हम छत्तीसगढ़ी में बातचीत करें और नई पीढ़ी को भी छत्तीसगढ़ी बोलना सिखाएं। उन्होंने साहित्यकारों से छत्तीसगढ़ी भाषा में उपन्यास, कविता और इतिहास लिखने का आग्रह किया।

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उन्होंने कहा कि विधानसभा में सदस्य छत्तीसगढ़ी में अपना संबोधन दे सकते हैं। साथ ही, उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

इस अवसर पर पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे और डॉ. रमेंद्रनाथ मिश्र विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। संस्कृति विभाग के सचिव अन्बलगन पी. और संचालक संस्कृति एवं राजभाषा विवेक आचार्य ने छत्तीसगढ़ी राजभाषा में संबोधन दिया।

राजभाषा आयोग की सचिव डॉ. अभिलाषा बेहार ने बताया कि आयोग ने छत्तीसगढ़ी में 2700 से अधिक अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया है। अब तक 1400 से अधिक छत्तीसगढ़ी पुस्तकों का प्रकाशन किया जा चुका है।

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