प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 30 दिसंबर 2024
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार में हुए बहुचर्चित शराब घोटाले को लेकर आज पूर्व आबकारी मंत्री और विधायक कवासी लखमा से आज ED की टीम पूछताछ करने वाली है । इससे पहले छत्तीसगढ़ के चर्चित 2000 करोड़ के शराब घोटाला केस में ED ने शनिवार को 5 जगहों पर 15 घंटे तक छापेमारी की थी । इसमें कवासी के साथ ही उनके बेटे हरीश लखमा के ठिकाने पर रेड हुई। ED ने कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है।
ED की कार्रवाई के बाद छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि, मुझे त्रिपाठी जैसे अधिकारियों ने अंधेरे में रखा। मैं अनपढ़ आदमी हूं जहां कहते थे वहां साइन कर देता था।
आज पूछताछ के लिए बुलाया
छापेमारी के दूसरे दिन कवासी लखमा ने कहा कि सोमवार को उन्हें और उनके बेटे को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। ED का छापा राजनीति से प्रेरित है। विधानसभा में सरकार के खिलाफ बोलने और बड़े घोटाले को उजागर करने पर छापा मारा गया है। भाजपा बदनाम करने की राजनीति कर रही है।
कहां-कहां छापे पड़े ?
दरअसल, 28 दिसंबर को ईडी की टीम ने पूर्व मंत्री कवासी के धरमपुरा स्थित विधायक बंगला और सुकमा स्थित उनके दो मकान में छापेमारी की है। एक मकान में उनका बेटा जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी अपने परिवार के साथ रहता है। दूसरे मकान में भी उनके परिवार के सदस्य रहते हैं।
बताया जा रहा है कि ED ने कैश, दस्तावेज, मोबाइल समेत इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किया है। साथ ही लखमा के करीबियों के घर से भी कुछ दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
कवासी के करीबी सुशील ओझा के घर पर भी रेड
सुकमा में ही ED ने नगर पालिका अध्यक्ष जगन्नाथ राजू साहू और ठेकेदार अभिषेक सिंह भदौरिया के ठिकानों में दबिश दी। दोनों ही कवासी के करीबी है। वहीं, रायपुर में कवासी के करीबी सुशील ओझा के चौबे कॉलोनी स्थित मकान में भी ED पहुंची, लेकिन ओझा घर पर नहीं थे।
कांग्रेस नेता रामभुवन कुशवाहा के घर दबिश
धमतरी में कांग्रेस नेता रामभुवन कुशवाहा के घर ईडी की टीम ने दबिश दी। टीम पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के करीबी कुशवाहा के घर सुबह पहुंची। बंद कमरे में कई घंटे जांच की। इस दौरान टीम ने रामभुवन कुशवाहा के घर से दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, हार्ड डिस्क सिस्टम को जब्त किया है। टीम कई जरूरी दस्तावेज लेकर लौट गई।
ED ने शराब घोटाले में दो पूर्व मंत्री पर भी कराई थी FIR
छत्तीसगढ़ में शराब और कोयला घोटाले मामले में ED ने दो पूर्व मंत्रियों, विधायकों सहित 100 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज कराई थी। इनमें कांग्रेस सरकार में आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा, खाद्य मंत्री रहे अमरजीत भगत, पूर्व विधायक यूडी मिंज, गुलाब कमरो, शिशुपाल का नाम शामिल हैं।
पहले भी ईडी ने राज्य सरकार को कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन लिखा था, जिसके बाद ACB-EOW ने 37 से ज्यादा लोगों पर नामजद FIR की थी। इसमें पूर्व मंत्री कवासी लखमा का भी नाम है। उन पर आरोप है कि उन्हें हर माह 50 लाख रुपए कमीशन दिया जाता था।
चर्चा है कि अधिकांश दस्तावेज में तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा का हस्ताक्षर है। इस आधार पर उन्हें आरोपी बनाया गया है। इसमें उनके तत्कालीन ओएसडी का नाम है, जिनके यहां भी छापे की चर्चा है। वो अभी बस्तर प्राधिकरण में ओएसडी के पद पर पदस्थ है। जांच के दायरे में कई ठेकेदारों को भी रखा है।