ब्यूरो रिपोर्ट
नई दिल्ली, 28 फ़रवरी 2025
छत्तीसगढ़ के पूर्व महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। नागरिक आपूर्ति निगम (नान) घोटाले से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वर्मा को नियमित जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया।
सतीशचंद्र वर्मा पर आरोप था कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए नान घोटाले के मुख्य आरोपियों, अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला को जमानत दिलाने में मदद की। इससे पहले छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
राज्य सरकार का विरोध, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने दिया राहत
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने वर्मा की जमानत का विरोध किया। हालांकि, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने कहा, “हमने प्रस्तुत व्हाट्सएप चैट को पढ़ा है। इसमें ऐसा कुछ नहीं है जिससे नान घोटाले के आरोपियों को लाभ मिला हो, क्योंकि उनकी जमानत पहले ही हो चुकी थी।”
राज्य सरकार के वकील को फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के वकील को फटकार लगाते हुए कहा कि यदि वे अधिक बहस करेंगे तो अदालत शासन के खिलाफ टिप्पणी करने पर मजबूर हो जाएगी। इस पर राज्य सरकार के वकील ने कहा कि वे एक सप्ताह तक वर्मा की गिरफ्तारी नहीं करेंगे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने वर्मा को नियमित जमानत देने का आदेश जारी किया।
सुप्रीम कोर्ट ने आरोपों को नहीं माना पर्याप्त
यह मामला तब सामने आया था जब आयकर विभाग ने सतीशचंद्र वर्मा और नान घोटाले के आरोपियों के बीच व्हाट्सएप चैट बरामद की थी। आरोप था कि वर्मा ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए आरोपियों को जमानत दिलाने में मदद की। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इन आरोपों को पर्याप्त नहीं माना और वर्मा को राहत दी।