प्रमोद मिश्रा
भोपाल, 08 मार्च 2025
बेटियों के साथ दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की सजा के प्रावधान के बाद अब जबरन धर्मांतरण (लव जिहाद) कराने वालों के लिए भी फांसी की सजा का प्रावधान किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम में फांसी की सजा जोड़ी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी सरकार यह प्रावधान करने जा रही है। प्रदेश में जबरन धर्मांतरण नहीं चलने दिया जाएगा। मासूम बच्चियों से दुष्कर्म और धर्मांतरण के मामलों में सख्त कार्रवाई होगी।”
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का समर्थन
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने मुख्यमंत्री की घोषणा का समर्थन करते हुए कहा कि “जबरन धर्म परिवर्तन कराने वालों के खिलाफ सख्त कानून होना चाहिए। धर्मांतरण विधेयक में फांसी की सजा का प्रावधान किया जाएगा।”
उन्होंने आगे कहा कि “2029 के चुनाव में महिलाओं को 33% आरक्षण मिलने से महिला नेतृत्व मजबूत होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ‘ड्रोन दीदी’ जैसी योजनाएं चला रहे हैं।”
हिंदू संगठनों का समर्थन
संस्कृति बचाओ मंच ने मुख्यमंत्री की घोषणा का स्वागत किया है। मंच के पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द इस कानून को लागू करे।
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने किया विरोध
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने मुख्यमंत्री के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि “अगर संविधान को बदला जा रहा है, तो स्वीकार करें कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की लिखी बातों में कमियां थीं। जबरन धर्मांतरण किसी भी समुदाय के खिलाफ नहीं होना चाहिए।”
उन्होंने भोपाल के इटखेड़ी इलाके का उदाहरण देते हुए कहा कि “चार दिन से एक लड़की लापता है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अगर लड़की हिंदू होती, तो सरकार इतनी लापरवाह नहीं होती। कानून सबके लिए समान होना चाहिए।”