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मासूम की मौत का जिम्मेदार कौन? : तीन साल की मासूम ने इलाज के दौरान तोड़ा दम, परिवारवालों ने लगाया मितानिन पर आरोप, स्वास्थ्य विभाग का जवाब – ‘झोलाछाप डॉक्टर की वजह से गई जान..’, कसडोल के खपरीडीह का मामला

प्रमोद मिश्रा

कसडोल, 11 मार्च 2025

छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के कसडोल विकासखंड के खपरीडीह (टूंड्रा) में एक तीन साल की मासूम की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं । दरअसल, मासूम के माता और पिता का कहना है कि गांव के दो मितानिनों के द्वारा मासूम को 27 फरवरी को फाइलेरिया की दवाई दी गई थी, उसके बाद मासूम की तबियत खराब हुई । परिजनों का कहना है कि मासूम की तबियत बिगड़ने पर उसे इलाज के लिए बरपाली, कसडोल और बलौदाबाजार ले जाया गया लेकिन ईलाज नहीं हो पाने की वजह से रायपुर के एक निजी अस्पताल में इलाज कराया गया लेकिन मासूम की हालत ठीक नहीं हुई और मासूम की जान चली गई । परिजनों का यह भी आरोप है कि माता और पिता की अनुपस्थिति में मितानिनों ने फाइलेरिया की दवाई मासूम को खिलाई है । ऐसे में सवाल खड़े होता है कि जिन मितानिनों को यह काम सौंपा गया है क्या उन्हें पूरी जानकारी है कि कितना खुराक किस उम्र के बच्चे को कितना देना है? और यदि नहीं तो मौत की जिम्मेदारी किसकी होगी? जानकारी के मुताबिक मासूम की मौत के बाद दोनों मितानिन गांव से गायब हैं ।

 

 

 

इसी दवाई को मासूम को देने की कही परिजनों ने बात

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी का क्या है कहना?

वहीं इस मामले में स्वास्थ्य विभाग का अलग ही बयान समय आया है । MEDIA24 न्यूज की टीम ने जब फोन से कसडोल विकासखंड के स्वास्थ्य अधिकारी (BMO) रविशंकर अज़गले से बात की तो उनका कहना था कि हमने WHO को इस मामले में रिपोर्ट सौंप दी है।  BMO का कहना था कि जब बच्ची की तबियत खराब हुई तो उसे गिधौरी के एक झोलाछाप डॉक्टर चौहान के पास ले जाया गया और उस झोलाछाप डॉक्टर ने उसे हाइ डोज का इंजेक्शन दे दिया जिससे मासूम की तबियत और बिगड़ गई और मासूम की मौत हो गई ।

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दोनों के बयानों में अंतर 

तीन साल की मासूम गीता विश्वकर्मा की जान किस वजह से गई है, ये तो अब तक साफ नहीं हो पाया है लेकिन मासूम के परिजन और विकासखंड चिकित्सा अधिकारी के बयान में काफी अंतर है । वहीं इस मामले में जिस झोलाछाप डॉक्टर आनंदराम चौहान का नाम सामने आया है, उससे भी हमारी टीम ने बात की । आनंदराम चौहान का कहना है कि मैने मासूम का कोई इलाज नहीं किया है और न ही मेरे द्वारा उनको इंजेक्शन दिया गया है।

अब ऐसे में सवाल खड़े होता है कि जिस फाइलेरिया दवाई को 12 राज्यों में एक कार्यक्रम आयोजित कर मासूमों को खिलाया जा रहा है उससे मासूम की तबियत बिगड़ी या मामला कुछ और है ।

परिजनों की मांग

मासूम के परिजनों की मांग है कि दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो और दोषी मितानिनों को जल्द पकड़ा जाए । लेकिन, बहरहाल इस मामले में अब तक किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है ।

पूर्व विधायक पहुंचे परिजन के निवास

इस मामले के बाद पूर्व विधायक और संसदीय सचिव चंद्रदेव राय अपने प्रतिनिधि हेमंत दुबे के साथ मासूम के परिजनों से मिलने पहुंचे । चंद्रदेव राय ने मामले की पूरी जानकारी ली और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की साथ ही मृतक के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की ।

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