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CG में कांग्रेस के पूर्व विधायक का विवादित पोस्ट : पाकिस्तान से युद्ध पर जताया भारत की हार सुनिश्चित…जो जो भारतीय युद्ध के समर्थन में हैं, उन सबको अग्नीवीर बना कर बॉर्डर पर भेज देना चाहिए

प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 27 अप्रैल 2025

एक तरफ जहां पूरे देशभर में पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर जनता में पाकिस्तान के प्रति गुस्सा है, तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी के एक पूर्व विधायक के फेसबुक पोस्ट ने पार्टी और नेता पर कई सवाल खड़े किए हैं । दरअसल, पहलगाम में 26 लोगों की निर्मम हत्या के बाद पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने की मांग जनता द्वारा उठ रही है । वहीं इन सबसे परे कुनकुरी विधानसभा से विधायक रहे यू डी मिंज कह रहे हैं कि युद्ध होगा तो भारत की हार सुनिश्चित है…। उनके इस पोस्ट पर लोग लगातार उनको लताड़ रहे हैं ।

 

देखिए उनके पोस्ट

जो आज पाकिस्तान के विरुध्द निर्णायक युद्ध की बात कर रहे हैं, वे जान लें कि इस बार पाकिस्तान के साथ साथ भारत को चीन से भी लड़ना होगा और ऐसी स्थिति में भारत की हार सुनिश्चित है।

पी ओ के के महत्वपूर्ण हिस्से में चीन ने अंधाधुंध निवेश किया है। पुराने सिल्क रोड को खोल दिया गया है।

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यही हाल बलूचिस्तान का भी है। ग्वादर पोर्ट को चीन ने डेवलप किया है और उसकी सेना सुरक्षा कर्मियों के नाम पर वहाँ पर तैनात है। बलूच विद्रोहियों की औकात नहीं है कि वे चीनी सैनिकों का मुक़ाबला कर सके।

यही दोनों जगह हैं जहां से पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी ऑपरेट करते हैं । एटबबाबाद भी इन्हीं जगहों में है, जहाँ से लश्कर ए तैयबा का नेटवर्क काम करता है।

अब अगर भारत इन स्थानों पर सीधे हमला करे तो चीन स्वतः इस युद्ध में पाकिस्तान के साथ खड़ा हो जाएगा। नतीजा सोच लीजिए।

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इसलिए पुलवामा पार्ट २ के बाद बालाकोट कौवा मार स्ट्राइक पार्ट २ के लिए तैयार रहिए।

जहां तक बात इकोनॉमी की है तो भारत अगर पूरी तरह से युद्ध में जाता है तो देश की अस्सी करोड़ आबादी को राशन देने के पैसे छः महीने में ही ख़त्म हो जाएँगे। मुद्रास्फीति दर वैसे ही डबल डिजिट में है, कहाँ तक जाएगी ये पता नहीं है ।

डॉलर के अलावे भी अन्य वैश्विक मुद्राओं के मुक़ाबले रुपया २.५% कमजोर हुआ है।

अमरीकी टैरिफ़ के चलते निर्यात न्यूनतम स्तर पर पहुँच गया है ।

देश में बेरोज़गारी पिछले पैंतालिस साल में सबसे ज़्यादा है। महंगाई बेलगाम हो गई है ।

ऐसी स्थिति में कोई भी युद्ध आत्मघाती होगा और दोनों देशों की मेहनतकश जनता पर असहनीय बोझ पड़ेगा ।

यह समय भारत, पाकिस्तान और चीन के लीडरशिप को साथ बैठ कर आतंकवाद की समस्या का निदान ढूँढने का है, किसी भी प्रकार का political expediency में जाने का नहीं ।

वैसे जो भारतीय युद्ध के समर्थन में हैं, उन सबको अग्नीवीर बना कर बॉर्डर पर भेज देना चाहिए।

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