बलरामपुर, 28 मई 2025
जिले के कुसमी और शंकरगढ़ स्थित सहकारी बैंक शाखाओं में करोड़ों रुपये के संगठित घोटाले का बड़ा खुलासा हुआ है। वर्ष 2012 से 2022 तक की विस्तृत ऑडिट रिपोर्ट में 26 करोड़ 47 लाख 82 हजार 462 रुपये की वित्तीय अनियमितता सामने आई है। इस मामले में पुलिस ने अब तक 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
फर्जी खातों के जरिए हुआ गबन
बलरामपुर एसपी वैभव बेंकर ने बताया कि आरोपी किसानों के नाम पर फर्जी बैंक खाते खोलते थे। इन खातों में सरकार द्वारा मिलने वाली अनुदान और ऋण की राशि ट्रांसफर की जाती थी, जिसे आरोपी निकालकर अपने निजी कार्यों में उपयोग करते थे। इस घोटाले में बैंक के अधिकारी, कर्मचारी और सहकारी संस्थाओं के प्रबंधक शामिल हैं।
किसानों को नहीं थी जानकारी
ऑडिट में खुलासा हुआ है कि कई मामलों में जिन किसानों के नाम पर खाते खोले गए, उन्हें इसकी जानकारी तक नहीं थी। बैंक प्रबंधन की मिलीभगत से यह गबन लंबे समय तक बिना किसी संदेह के चलता रहा। विस्तृत ऑडिट और खातों की गहन जांच के बाद यह भ्रष्टाचार उजागर हुआ।
न्यायिक हिरासत में भेजे गए आरोपी
पुलिस ने सभी 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। प्रशासन ने मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। अन्य कर्मचारियों की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है। जल्द ही और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।
गिरफ्तार आरोपी इस प्रकार हैं
- विकास चंद पांडवी (पर्यवेक्षक)
- अशोक कुमार सोनी (तत्कालीन शाखा प्रबंधक)
- एतबल सिंह (सहायक मुख्य पर्यवेक्षक)
- समल साय (सेवानिवृत्त शाखा प्रबंधक)
- जगदीश प्रसाद (सहायक लेखापाल)
- ताबरक अली (लिपिक)
- लक्ष्मण देवांगन (संस्था प्रबंधक)
- राजेंद्र प्रसाद पांडेय (मुख्य पर्यवेक्षक)
- सुदेश यादव (समिति प्रबंधक)
- प्रकाश कुमार सिंह (कंप्यूटर ऑपरेटर)
- राजेंद्र गुप्ता (प्रभारी अतिरिक्त प्रबंधक)
जांच एजेंसियां अब अन्य संबंधित दस्तावेजों और कर्मचारियों की भूमिका की भी पड़ताल कर रही हैं।