फारूक मेमन
गरियाबंद 21 अप्रैल
गरियाबंद–गरियाबंद जिला कार्यालय द्वारा corona वायरस के सक्रमण एवं बचाव हेतु जिन नोडल अधिकारीयो की डु्यटी लगाई गई थी उनमे 10 नोडल अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है इन नोडल अधिकारियों ने कोरोना वायरस से जुड़े कार्य में बड़ी लापरवाही करते हुए जरूरी प्रतिवेदन नहीं भेजा साथ ही नोडल अधिकारियों की जरूरी बैठक में उपस्थित नहीं होने पर उन्हें 3 दिन में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने हेतू नोटिस जारी किया गया है जवाब नहीं मिलने पर इन अधिकारियों पर एक पक्षी कार्यवाही की बात नोटिस में कही गई है। नोटिस पाने वाले नोडल अधिकारियों में 6 प्रधान पाठक 2 सहायक शिक्षक एक आंतरिक लेखा प्रभारी तथा एक पशु चिकित्सक शामिल है।
कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए हर ग्राम पंचायत के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है जिन्हें करौना वायरस सँक्रमण एवं बचाव का कार्य दिए गए हैं देवभोग जनपद पंचायत क्षेत्र के तहत आने वाले ग्राम पंचायतों में 10 नोडल अधिकारी ऐसे निकले जिन्होंने अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई इस संबंध में नोटिस जारी करते हुए नोटिस में कहा गया है कि नोबेल कोरोनावायरस के संक्रमण एवं बचाव की रोकथाम हेतु स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा दिए गए निर्देश के अनुपालन में कार्यालय आपके कार्य क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत के लिए आप को नोडल अधिकारी नियुक्त करते हुए प्रतिदिन प्रतिवेदन जनपद पंचायत देवभोग में प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया है परंतु आपके द्वारा दिए गए निर्देशानुसार प्रतिवेदन नहीं भेजने के कारण मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत देवभोग द्वारा पत्र क्रमांक 4310 दिनांक 5 अप्रैल के द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत करने दिए गए निर्देश का पालन नहीं किया गया इस संबंध में 10 अप्रैल को जनपद देवभोग के सभाकक्ष में नोडल अधिकारी की आयोजित समीक्षा बैठक में भी उपस्थित नहीं रहे जिसके कारण आप के प्रभाव क्षेत्र की जानकारी की समीक्षा नहीं की जा सकी। इन नोडल अधिकारियों पर आरोप लगाया गया है कि छत्तीसगढ़ शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के निर्देशानुसार राष्ट्रीय कार्यक्रम के लिए शॉप पर गए महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वाह तथा उच्च अधिकारी द्वारा दिए गए आदेशों एवं निर्देशों का पालन आपके द्वारा ना कर स्पष्ट उल्लंघन किया गया है आपातकालीन परिस्थिति में अपने कर्तव्य पर अनुपस्थित रहना आपकी हठधर्मिता ही नहीं अपितु शासन प्रशासन द्वारा जारी निर्देश के विपरीत है यह कृत्य स्वेच्छाचारिता दर्शाता है छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 सामान्य के दो सत्य निष्ठ एवं कर्तव्य परायणता के सर्वथा विपरीत है अतः क्यों ना आप के विरुद्ध छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम 1965 के तहत आपके विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही किया जाए इस संबंध में 3 दिन के भीतर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किए गए हैं संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने की स्थिति में एक पक्षी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है जीन अधिकारी कर्मचारियों को नोटिस दी गई है वे निम्नानुसार है।
01 बी एस साहू सहायक पशु चिकित्सा शल्यज्ञ, देवभोग। 02 मकरन नायक सहा आंत लेखा परी एवं करा अधि देवभोग ।
03 सुरेशचद ठाकुर प्रधानपाठक प्रा शा मोखागुडा ।4 टकधर मरकाम धानपाक प्रा शा खुटगाव। 05 डिकसन लाल डोगरे प्रधानपाठक नो.अधि-ग्रा.प.दहीगाँव ।06 गजेन्द्र बिसी प्रभारी प्रधानपाठक, प्रा.शा दीवानमुडा ।07 मन्नूराम शाडिल्य प्रधानपाउक प्रा.शा. झाखरपारा ।08 वासुदेव मरकाम प्राधान पाठक प्रा शा कोसमकानी। 09 जयलाल चुरपाल सहायक शिक्षाक एल. बी. नो. अधि-ग्रा.प. कोडकीपारा ।10 पुरनधर यदु सहायक शिक्षाक एल बी. नो.अधि-ग्रा. प सुकलीभाठा नवीन