खास खबर : असम से लाया गया वन भैंसा का जोड़ा , छत्तीसगढ़ का राजकीय पशु हैं वन भैंसा, बार नवापारा अभ्यारण्य में इसके सरंक्षण व संवर्धन के लिए हो रहा है प्रयास

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सतीश शर्मा, बलौदाबाजार, 27 अप्रैल

छत्तीसगढ़ का राजकीय पशु वन भैंसा हैं। और इनकी संख्या दिनो दिन कम होती जा रही है। जो कि एक चिंता का विषय है। इसी के मद्देनजर बीते दिवस मानस टाइगर रिजर्व असम से एक नर और एक मादा वन भैंसा को बलौदाबाजार वन मंडल के बार अभ्यारण्य के कोठारी परिक्षेत्र लाया गया है। जहाँ दोनो राजकीय पशु वन भैंसा को कोठारी परिक्षेत्र के खैरछापर के बीट क्रमांक 169 में रखा गया है। वन विभाग के द्वारा वन भैसों के संरक्षण और संवर्धन के लिए सतत मॉनिटरिंग भी की जा रहा है। जिससे वन भैंसा को किसी तरह की समस्या न हो, साथ ही इन्हें इस गर्मी से बचाव के लिए कई तरह की सुविधाएं भी दी जा रही है, जिससे इनका स्वास्थ्य में कोई विपरीत प्रभाव न पड़े और सुदृढ़ बना रह। प्रदेश में वन भैसों की कमी के कारण इन्हें यहाँ विशेष सुविधाएं दी जा रही है, उल्लेखनीय है की इनके विलुप्त होने की स्थिति में डॉक्टरों और वन्य प्राणी विशेषज्ञ के मार्गदर्शन पर वन भैसों को भोजन पर मक्के का घास, नेपियर घास और मिनरल मिक्चर दिया जा रहा है, जिससे इनका संतुलन बना रहे। इसके अलावा विभाग इनके आहार की समुचित व्यवस्था कर रखा है। जिससे किसी तरह की भोजन में कमी न हों।

 

 

 

 

 

आपको बता दे की वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया (WTI) के वैज्ञानिकों ने इस क्षेत्र को वन भैसों के लिए उपयुक्त समझा था, तभी से इस क्षेत्र में वन भैसों को लाने की कार्रवाई की जा रही थी। जिसके लिए विभाग के द्वारा वन भैंसा प्रजनन केंद्र बनाया गया था।अब वन भैसों के आने के बाद इन्हें यहाँ रखा गया है। वन भैंसों की प्रजाति के संरक्षण और संवर्धन के लिए छत्तीसगढ़ से मानस टाइगर रिजर्व असम गई 17 सदस्यी टीम लॉक डाउन के कारण वहाँ फस गई थी, लेकिन काफी मशक्कत के बाद अनुमति मिलने पर यह टीम दोनो वन भैसों को लेकर बार अभ्यारण्य पहुँची। अभ्यारण्य पहुँचने के बाद इन्हें कोठारी रेंज से 5 किलोमीटर दूर खैरछापर में करीब 10 हेक्टेयर (लगभग 25 एकड़) क्षेत्र में बनाए गए बाड़े में दोनों वन भैंसों को रखा गया है, इधर वन विभाग ने भीषण गर्मी होने के कारण बाड़े के अंदर पर्दा, पंखा और कूलर लगाया गया हैं। जिससे इन्हें गर्मी का अहसास न हो साथ ही एक चेम्बर बनाकर चारा पानी दिया जा रहा है।

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