खास खबर : कर्नाटक में फसे छात्रों को वापस लाने पालको की गुहार, जिले के 17 छात्रों समेत 24 छात्र है शामिल, सिर्फ कोटा से ही छात्रों को वापस लाने से इन पालको में नाराजगी,

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सतीश शर्मा, बलौदाबाजार, 28 अप्रैल

कोरोना संकट के बीच लॉक डाउन का असर सभी पर पड़ा है । प्रधानमंत्री के लॉक डाउन घोषणा के बाद जो जहाँ है वही फस गए । ऐसे में अध्ययन के लिए दूसरे राज्य गए छात्र छात्राएं भी वही फसे हुए है । ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ से कर्नाटक गए एक अध्ययन दल के बच्चों का है । तीसरी भाषा की पढ़ाई के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय रायपुर के छात्रों को इस वर्ष कर्नाटक के शिवमोगा नवोदय विद्यालय भेजा गया है। अब बच्चों की परीक्षा सम्पन्न हो जाने के बाद लॉक डाऊन के कारण छात्र वहीँ फंस गए हैं जिससे उन्हें मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । नवोदय विद्यालय में अध्ययनरत छात्रों के पालकों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित जिला कलेक्टर एवं शासन प्रशासन से छात्रों को वापस घर लाने की मांग की है ।

 

 

 

 

नवोदय विद्यालय में ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र के प्रतिभावान छात्र अध्ययन करते हैं। देश भर के प्रत्येक जिले से 24 बच्चे तीसरी भाषा के अध्ययन हेतु शाला प्रबंधन व शासन द्वारा अन्य राज्यों में भेजे जाते हैं । इसी नियमानुसार जवाहर नवोदय विद्यालय रायपुर के 24 बच्चें कन्नड़ भाषा की अध्ययन हेतु शिवमोगा , कर्नाटक भेजे गए हैं । परीक्षा उपरांत वे बच्चे वापस आने ही वाले थे कि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण लॉकडाउन की स्थिति आ गई , इस कारण सभी 24 बच्चें वापस नहीं आ पा रहे हैं । चूंकि सभी बच्चे लगभग 14 वर्ष की आयु के हैं अतः लंबे समय तक परिवार से न मिल पाने के कारण मायूस हो रहे हैं । जिससे उन बच्चों में मानसिक स्वास्थ्य की समस्या उत्पन्न होने का डर है ।

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वर्तमान में प्रशासन सिर्फ कोटा राजस्थान में कोचिंग हेतु गये  विद्यार्थियों की चिंता करती दिख रही है । ये सभी बच्चे   बालिग है साथ ही स्वयं को संभालने में सक्षम है और साथ ही ऐसे घरों से हैं  जिनकी पारिवारिक , आर्थिक पृष्ठभूमि प्रायः मध्यम श्रेणी से उपर की है । शासन , प्रशासन की नजर इन्हीं बच्चों पर केन्द्रित होना समझ से परे है । जबकि नवोदय विद्यालय के बच्चों को शासन ने स्वयं भेजा है फिर भी उनकी वापसी हेतु किसी प्रकार का पहल न करना उन बच्चों के साथ अन्याय है । रायपुर नवोदय विद्यालय से भेजे गये बच्चों में बलौदाबाजार जिले से 17 , रायपुर जिले से 4 व गरियाबंद जिले से 3 बच्चे शामिल हैं । इन सभी बच्चों के पालकों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिला कलेक्टर सहित शासन , प्रशासन से सभी बच्चों की सकुशल  वापसी की मांग की है।

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