घनश्याम सोनी
बलरामपुर
हमारे समाज में आज के युग में अक्सर देखा जाता है कि माता-पिता के बुजुर्ग हो जाने के बाद जीवन भर सेवा करने वाले माता पिता को बेटे ही दरकिनार कर देते हैं.. जिसके बाद बुजुर्ग मां बाप दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो जाते हैं. आज भी खबर ऐसे निर्दई समाज से ही सामने आई है।
दरअसल बलरामपुर के सामरी विधानसभा क्षेत्र में आज स्थानीय विधायक व संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज ने जन चौपाल लगाया था.. जब शंकरगढ़ के कमारी गांव में उन्होंने जन चौपाल लगाया तब एक बुजुर्ग विधवा महिला जिसकी उम्र करीब 75 वर्ष बताई जा रही है वह अपनी समस्या लेकर आई और रोते हुए संसदीय सचिव से उसने अपनी स्थानीय भाषा में कहा कि
“मेरे बेटे न तो रहने के लिए जगह दे रहे हैं ना कमाई का पैसा और ना ही पीने के लिए एक लोटा पानी तो मैं लाठी के सहारे कैसे जीवन यापन करूँ”..
बुजुर्ग महिला का दर्द सुन संसदीय सचिव सहित वहां मौजूद सभी लोगों का कलेजा पसीजा संसदीय सचिव ने महिला को आश्वासन दिया कि जो भी उसकी समस्या है उसका निराकरण तत्काल करेंगे आगे महिला ने बताया कि कई बार वो दफ्तरों का चक्कर भी जमीन नापने हेतु लगा चुकी है लेकिन उसकी समस्या का निराकरण नहीं हो रहा है ..अधिकारियों पर भी उसने लापरवाही का आरोप लगाया और संसदीय सचिव से रोते हुए हाथ जोड़कर गुहार लगाई बोली …
बेटा मेरे समस्या का निराकरण कर दो
समस्या सुनने के बाद संसदीय सचिव ने महिला को आश्वासन दिया साथ ही साथ मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर महिला की पारिवारिक समस्या सुनकर उन्हें भी बहुत बुरा लगा उन्होंने समाज को मैसेज देते हुए कहा कि माता-पिता का सम्मान हमेशा करना चाहिए साथ ही साथ उन्होंने महिला की समस्या के संबंध में कहा कि आज शाम तक वे समस्या का निराकरण कर देंगे.. एसडीएम और तहसीलदार से भी वे इस मामले पर चर्चा करेंगे.
आपको बता दें कि जो महिला समस्या लेकर आई थी.. उसका नाम सुखु पति जापान उम्र लगभग75 वर्ष बताया जा रहा है..लगभग 8साल पहले उसके पति की मौत हो गयी थी जिसके बाद से ही वह परेशान चल रही है.