प्रमोद मिश्रा
बिलासपुर, 26 फरवरी 2021
हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए सजा से बड़ी हुए युवक के पक्ष में फैसला सुनाया है ।जिसमें युवक द्वारा लगाए गए याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि थाने को युवक का समान ब्याज के साथ वापस करना पड़ेगा । कोर्ट ने गायब होने को गंभीर कहा है। कहा है कि जब्त संपत्ति की रक्षा करना राज्य का कर्तव्य है। विचरण/अपील के निराकरण तक उसे सुरक्षित रखने में तत्परता बरतें। दहेज प्रताड़ना के एक मामले में पुलिस ने युवक की संपत्ति जब्त की थी। जब युवक बरी हुआ तो पता चला कि थाने के हेड कांस्टेबल ने संपत्ति का गबन कर लिया है।
इंद्र कुमार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि उनकी शादी मार्च 1992 में ममता जैन से हुई। 19 अप्रैल को ममता ने जगदलपुर थाने में याचिकाकर्ता के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने कोर्ट में चलान पेश किया। जिसके बाद जिला कोर्ट ने याचिकाकर्ता को 12 अगस्त 2013 को 10 साल की सजा सुनाई। पुलिस ने याचिकाकर्ता की करीब 5 लाख रुपए की संपत्ति भी जब्त कर ली।
उच्चाधिकारियों को आदेवन के बाद भी नहीं मिली जब्त संपत्ति
अपनी सजा के खिलाफ याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में अपील की। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने साल 2017 में याचिकाकर्ता को सजा से बरी कर दिया। इसके बाद याचिकाकर्ता ने अपनी जब्त संपत्ति के लिए जिला कोर्ट की शरण ली। जहां से पता चला कि थाने के हेड कांस्टेबल ने जप्त की गई संपत्ति का गबन कर लिया है और संपत्ति गायब है। इस पर याचिकाकर्ता विभाग के उच्च अधिकारियों के पास गए। कई आवेदन देने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई।
हाईकोर्ट में याचिका दायर कर संपत्ति लौटाने की मांग इस पर इंद्र कुमार ने संपत्ति प्राप्त करने के लिए हाईकोर्ट में फिर याचिका दायर की। मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट में तर्क दिया गया। साथ ही ऐसे मामलों में पति के पास से जब्त संपत्ति के संरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से पारित बसावा कोम डयामो गौड़ा पाटिल केस का हवाला दिया गया। इस पर कोर्ट ने जब्त संपत्ति को ब्याज सहित लौटाने का आदेश दिया। मामले की सुनवाई जस्टिस संजय के .अग्रवाल की एकल खंडपीठ में हुई।