गरियाबंद से कन्हैया तिवारी के साथ प्रमोद मिश्रा
गरियाबंद/ रायपुर, 16 मार्च 2021
छत्तीसगढ़ के सुपेबेड़ा में अभी भी किडनी बीमारी से मौत का सिलसिला थमा नहीं है । जानकारी के मुताबिक कल रात भी एक किडनी रोग से पीड़ित जिसका नाम जयशन पटेल है उसकी मौत हो गई । जानकारी के मुताबिक राज्य के सरकारी अफसरों की बातों को दरकिनार कर परिजन उसका ओडिशा में अपने एक रिश्तेदार के घर में रखकर उपचार करा रहे थे। गरियाबंद स्वास्थ्य विभाग की ओर से मरीज की मौत होने की पुष्टि की गई है। अगले दिन मंगलवार को अंतिम संस्कार किया गया है। अब तक सुपेबेड़ा में किडनी रोग से पीड़ित 75 मरीज दम तोड़ चुके हैं।
जानकारी के मुताबिक, सुपेबेड़ा निवासी जयशन पटेल (49) में दो साल पहले किडनी रोग से पीड़ित होने की पुष्टि हुई थी। परिजन उसे ओडिशा में नवरंगपुर जिले के पापड़ा हांडी में अपने एक रिश्तेदार के घर ले गए थे। वहां देशी तरीके से उसका उपचार किया जा रहा था। गरियाबंद में अस्पताल प्रबंधन को सोमवार रात करीब 10 बजे मौत की सूचना दी गई। इसके बाद ओडिशा से एंबुलेंस के जरिए उसका शव रात एक बजे सुपेबेड़ा लाया गया। आपको बताते चले कि दो हज़ार की आबादी वाले इस गाँव मे अभी तक 150 लोग किडनी रोग से पीड़ित है जिनमें 75 लोगों की जान चली गई है । आश्चर्य की बात यह है कि यह बीमारी जीवन कहलाने वाली पानी से ही फैली है । आपको बताते चले कि इस गाँव मे राज्यपाल अनुसुईया उइके और स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव भी जा चुके है ।
VVIP पहुँचे गाँव लेकिन नहीं पहुँच सका सरकारी योजना
यू तो गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा में राज्यपाल अनुसुईया उइके के अलावा स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव जैसे VVIP पहुँचे थे। सभी ने ग्रामीणों की समस्या से अवगत होकर उनके समस्याओं का समाधान करने की बात कहीं थी लेकिन अभी तक उन योजनाओं का व्यापक लाभ रहवासियों को नहीं मिल पाया है । कुछ दिन पहले ही सुपेबेड़ा के रहवासी सीएम भूपेश बघेल से मुलाकात करने रायपुर पहुँचे थे लेकिन उनकी मुलाकात सीएम से न हो पाई और ग्रामीणों ने राज्य के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू से मुलाकात की थी ।आपको बताते चले कि जब राज्यपाल और स्वास्थ्य मंत्री सुपेबेड़ा पहुँचे थे तो पेयजल के लिए 16 करोड़ रुपये मंजूर किये थे लेकिन वादा पूरा नहीं हुआ तो सुपेबेड़ा के साथ आसपास के ग्रामीण रायपुर सीएम से मिलने पहुँचे लेकिन सीएम से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई ।
परिजनों ने स्वास्थ्य में सुधार का हवाला देकर लाने से मना कर दिया था
BMO अंजू सोनवानी ने बताया कि इस बीच स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार जयशन की बीमारी को लेकर संपर्क में थी। परिजन करीब एक माह से उसका ओडिशा में उपचार करा रहे थे। उन्होंने बताया कि 13 मार्च को CMHO डॉ. एनआर नवरत्न मरीज के घर गए थे। उन्होंने जयशन को वापस लाने और अस्पताल में उपचार कराने के लिए भी कहा था, लेकिन परिजन तैयार नहीं हुए। उनका कहना था कि जयशन के स्वास्थ्य में सुधार है।