असम चुनाव : असम में नहीं चला CM भूपेश का जादू, करारी हार के बाद असम कांग्रेस अध्यक्ष ने दिया इस्तीफा, चाय बगान वाले क्षेत्र में कांग्रेस की बुरी तरह हार

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प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 03 मई 2021

700 से ज्यादा कार्यकर्ताओं की जम्बो टीम के साथ महीनों डंटे थे CM, पूरी रणनीति फेल

 

 

 

असम की 126 विधानसभा सीटों के लिए 27 मार्च, 1 अप्रैल और 6 अप्रैल तक तीन चरणों में चुनाव संपन्न हुआ था। बड़ी बेसब्री से 2 मई की मतगणना का इंतजार था। विशेष रुप से छत्तीसगढ़ की सियासत को भांपने वालों को असम के चुनाव परिणाम की ज्यादा चिंता थी, क्योंकि ख़ुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 18 जनवरी से चुनाव प्रचार थमने के शाम तक असम में फोकस करके कांग्रेस को जिताने में प्रयासरत थे। असम में कांग्रेस पार्टी ने बड़ा विश्वास करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को असम में कांग्रेस का चुनावी पर्यवेक्षक और चुनाव प्रबंधक का ज़िम्मा दिया था। ऐसे में रविवार को आये चुनाव परिणाम ने इन सब मेहनत पर पानी फेरकर रख दिया।
आपको बतादें कि लगभग 700 राजनीतिक कार्यकर्ताओं से ज्यादा की ताकत झोंकने के बाद भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने असम में जिन 36 विधानसभा सीटों पर अपना चुनाव प्रचार फोकस किया, उनमें से केवल 11 सीटें कांग्रेस के पक्ष में आती दिखीं।

असम में चुनाव के वक्त सीएम भूपेश कार्यकर्ताओं के साथ

आपको बतादें कि चुनावी पर्यवेक्षक और चुनाव प्रबंधक की ज़िम्मेदारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहली बार 18 जनवरी 2021 को असम पहुंचे थे, जिसके बाद बघेल ने ऊपरी असम, डिब्रूगढ़, बराक घाटी, बारपेटा, दिसपुर और राज्य के हर जिले में 38 जनसभाओं को संबोधित किया। इस दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने असम में जिन 36 विधानसभा सीटों पर अपना चुनाव प्रचार फोकस किया था, उनमें से केवल 11 सीटें कांग्रेस के पक्ष में आती दिखीं। साथ ही कांग्रेस के नेतृत्व वाले अलायंस ने लोअर असम और बरक घाटी वाले इलाकों में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन अपर असम में सफल नहीं हो पाये। ये भी देखा गया है कि कांग्रेस ने चाय बगानों वाले आदिवासियों के बीच जमीन खोई, उनका विश्वास नहीं जीत पायी। इसी के चलते पार्टी को अपर असम में भारी नुकसान उठाना पड़ा।

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जनसभा को संबोधित करते सीएम छत्तीसगढ़

 

100 से ज्यादा सीट जीतने का किया था दावा

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने सभी चुनावी रैलियों में पांचवा वादों, जिनमें असम में CAA लागू नहीं होगा, चाय बगान कर्मियों को 365 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान, हर गृहणी को 2 हजार रुपये मासिक भुगतान, 200 यूनिट तक का बिजली बिल माफ और पांच साल में 5 लाख रोजगार देने के वादे का लगातार उल्लेख करते दिख रहे थे। इस दौरान CM भूपेश बघेल लगातार कहते थे कि असम में 100 सीट से ज्यादा सीट किसी भी स्थिति में आएगी। ऐसे में भूपेश बघेल के दावों पर असम की जनता ने पानी फेर दिया और जिस परफॉर्मेंस के उम्मीद कांग्रेस पार्टी को भूपेश बघेल के नेतृत्व में थी, वह परफारमेंस कहीं दिखाई नहीं दिया।

एक सभा में सीएम

इस्तीफे का दौर शुरु, कांग्रेस अध्यक्ष ने दिया इस्तीफा

विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद अब कांग्रेस पार्टी में इस्तीफे की शुरुआत हो चुकी है। असम कांग्रेस अध्यक्ष ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया।
ऐसे में असम के चुनाव परिणाम के बाद अब कांग्रेस में निराशा देखी जा रही है और यह माना जा रहा है कि महत्वपूर्ण पदों पर जिम्मेदारी संभाल रहे काफी नेता कांग्रेस अध्यक्ष की तरह ही पार्टी को इस्तीफा सौंप सकते हैं।

 

कोरोना से राज्य कराह रहा था, CM असम में थे
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल असम चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी मिलने के तुरंत बाद लगातार असम में ही डंटे रहे। उन्होंने ना सिर्फ चुनाव को लेकर अपनी कोर टीम बनाई, बल्कि जिस समय छत्तीसगढ़ में कोरोना की महामारी को राज्य महसूस कर रहा था, वैसे संकट के अवसर में भी CM भूपेश बघेल असम में कांग्रेस पार्टी को जिताने डंटे रहे।
इसके साथ ही जब छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में नक्सलियों ने जवानों के बस को ब्लास्ट किया और इस हमले में 5 जवान वीरगति को प्राप्त हुए, साथ ही जब भी बीजापुर में नक्सली हमले में 22 जवान बलिदान को प्राप्त हुए, तब भी CM भूपेश बघेल असम में ही डंटे रहे, जिसको लेकर प्रदेश में उनकी आलोचना भी हुई। ऐसे में ऐसे संकट के काल में भी जिस तरह से सीएम भूपेश बघेल पूरी तरह से असम में मेहनत करते दिखाई दिए, उसका असर चुनाव परिणाम में नहीं दिखाई दिया।

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सांस्कृतिक से राजनीतिक हर ताकत झोंकी
असम चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ के अलग-अलग सांस्कृतिक दलों के 55 कलाकार असम भेजे गए थे। सतनामी, साहू और आदिवासी समुदाय से संबद्ध ये कलाकार असम के चाय बगान वाले क्षेत्रों में काम कर रहे छत्तीसगढ़ मूल के 25 लाख वोटरों का मनोरंजन करने गए थे। पर इस क्षेत्र में भी कलाकारों की टीम कांग्रेस को जीत नहीं दिला पाई।

असम में चुनावी प्रचार के दौरान छत्तीसगढ़ के कलाकार

 

असम विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद छत्तीसगढ़ भाजपा ने भी नेताओं ने भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर तंज कसा है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा है ‘छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री @bhupeshbaghel चुनाव प्रचार के लिए पहले बिहार गए फिर असम और दोनों जगह कांग्रेस का बुरा हाल हुआ। छत्तीसगढ़ की जनता से तो झुठे वादे करके सत्ता में आ गए पर असम की जनता ने दुध का दुध और पानी का पानी कर दिया।’

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