बेमेतरा में मुरुम चोर नेता के इशारों पर शुरू हो गया फर्जी एफआईआर का खेल, झूठी एफआईआर के खिलाफ़ कोर्ट में दायर करेंगे रीट – सभापति राहुल टिकरिहा

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प्रमोद मिश्रा

रायपुर, 04 मई 2021

 

 

 

 

प्रदेश में लगातार कोरोना संक्रमण चल रहा है और यह भयावह रूप लेता जा रहा है। जिसके कारण प्रदेशभर में लॉकडाउन लगाया गया है। प्रदेशभर में लॉकडाउन होने से आम जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। लेकिन वही दूसरे तरफ सत्ता में बैठे लोग मलाई खा रहे है। लॉकडाउन में आम जनता व रोज कमाने खाने वालों को आर्थिक संकटों से जूझना पड़ रहा, वहीं विधायक परिवार का मुरुम खनन का कार्य ग्राम थनौद में बेड़क चल रहा है।

जिला पंचायत सभापति एवं किसान मोर्चा के प्रदेश सोशल मीडिया प्रभारी राहुल योगराज टिकरिहा सहित थनौद के ग्रामीणों और युवाओं ने इस खनन के खिलाफ सोशल मीडिया में मुहिम छेड़ दी है। जिससे सत्ताधीशों की चूल्हे हिल गयी है।

जिला पंचायत सभापति राहुल टिकरिहा ने विधायक पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि सत्ताधीशों की चोरी उजागर क्या हुई उनके चूल्हे हिल गयी है और शुरू हो गया फर्जी FIR व धमकियों का खेल, ये लड़ाई और खुलासे आगे भी करते रहेंगे। आप अपने कार्यकर्ताओं से भले रोज झूठे आरोप लगाकर FIR करवाएं।

पहले कार्यकर्ताओं पर अब सभापति राहुल टिकरिहा के ऊपर एफआईआर

जैसे ही थनौद में मुरुम खनन का मामला पेपर के माध्यम से उजागर हुआ। वैसे ही पूरा सोशल मीडिया में आग की तरह फैल गया और लोगो ने इसकी भर्त्सना की। इसी मुहिम को आगे बढ़ाया सभापति राहुल टिकरिहा और उनके समर्थकों ने, जिसकी झल्लाहट में विधायक के लोग(चखना सेंटर संचालक समेत अन्य) द्वारा सभापति टिकरिहा के कार्यकर्ताओं को धमकी दी जा रही है और झुठी एफआईआर कर थाने बुलवाकर परेशान करने का खेल चल रहा है। कार्यकर्ताओं के बाद अब सभापति राहुल टिकरिहा के ऊपर भी एफआईआर करा दी गई है। बताया जा रहा है एक तथाकथित पत्रकार अपनी झल्लाहट में सभापति टिकरिहा के ऊपर एफआईआर करवाया है।

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मुरुम खनन का काम अगर वैध है तो विरोध के बाद क्यो बंद कर दिया गया

मुरुम खनन की अनुमति पंचायत द्वारा ली गई थी, जिसकी समय सीमा समाप्त हो गया था। उसके बाद भी खनन का कार्य लगातार जारी था। अवैध उत्खनन के बढ़ते विरोध को देखते हुए खनन कार्य को बंद कर दिया गया। सभापति टिकरिहा ने दुर्ग कलेक्टर सर्वेश्वर भूरे को भी इसकी शिकायत की गई थी। लेकिन अवैध उत्खनन धड़ल्ले से चल रहा था। बढ़ते विरोध को देखते हुए अभी खनन कार्य को बंद कर दिया गया है।

अवैध उत्खनन की आवाज थनौद, बेमेतरा सहित प्रदेशभर से उठ रही है, जिसके निशाने पर कांग्रेस सरकार और गृहमंत्री है

थनौद में चल रहे अवैध उत्खनन के खिलाफ थनौद और बेमेतरा के ग्रामीणों के अलावा भाजपा छत्तीसगढ़, केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह, सांसद विजय बघेल, छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के सेनानी, स्वयंसेवी संगठनों के पदाधिकारियों, भाजपा कार्यकर्ताओं सहित आम नागरिकों ने भी सोशल मीडिया व प्रेस के माध्यम से इस अवैध उत्खनन के खिलाफ आवाज उठाया है।

मुरुम खनन पर है बंदिश, अवैध उत्खनन कर पर्यावरण के साथ-साथ शासन को रॉयल्टी की क्षति

शासन ने पर्यावरण और उपयोगी जमीन के नुकसान को देखते हुए मुरुम खनन पर प्रतिबंध लगा दिया है। लेकिन विधायक परिवार अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए, नियमों को ताक में रखकर लॉक डाउन में अवैध खनन को जारी रखा । ग्रामीणों के मुताबिक मुरम को भंडारित बताकर तालाबों के बंधान को खोदकर ले जाया जा रहा है वही दूसरी ओर 15 अप्रैल को ही परिवहन की मियाद भी समाप्त हो गई है।

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