रायपुर, 09 अगस्त 2021
विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर कलिंगा विश्वविद्यालय के कला एवं मानविकी संकाय के द्वारा सभा कक्ष में संवाद संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया । जिसमें आदिवासी समाज की संस्कृति एवं महत्वता तथा विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई । उक्त कार्यक्रम का शुभारंभ कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर आर. श्रीधर, छात्र कल्याण प्रकोष्ठ की अधिष्ठाता डॉ आशा अंगईकर, कला एवं मानविकी संकाय की अधिष्ठाता शिल्पी भट्टाचार्य, शोध संकाय की अधिष्ठाता डॉ हर्षा पाटील, हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ अजय शुक्ल एवं राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी स्मिता प्रेमानंद की उपस्थिति में मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलन एवं वंदना से प्रारंभ हुआ ।
संवाद गोष्ठी कार्यक्रम में कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आर श्रीधर ने कहा कि भारतीय समाज में आदिवासी समुदाय का उल्लेखनीय योगदान है , भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उन्होंने आदिवासी जननायक बिरसा मुंडा और वीर नारायण सिंह का स्मरण किया, जिन्होंने शक्तिशाली अंग्रेजी साम्राज्य को झुकने पर मजबूर किया था । डॉक्टर आर श्रीधर ने बताया कि भारतीय सेना के सबसे पराक्रमी अंग कोबरा कमांडो में सर्वाधिक आदिवासी समाज के युवाओं की उपस्थिति है, जो दृढ़निष्ठा से देश की सेवा में लगे हैं ।
उक्त कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अजय शुक्ल ने कहा कि आदिवासियों का जीवन प्रकृति पर निर्भर है , आज के बदलते समय में जल जंगल और जमीन पर उनकी महत्वपूर्ण भागीदारी तय करनी होगी, आधुनिकता के चकाचौंध और भूमंडलीकरण का सबसे प्रतिकूल प्रभाव आज आदिवासी समाज पर पड़ा है, आदिवासियों की संस्कृति परंपरा भाषा रीति रिवाज और खानपान को उचित सम्मान देने पर ही विश्व आदिवासी दिवस मनाना प्रासंगिक होगा ।