गोपी कृष्ण साहू
रायपुर 16 अगस्त 2021
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी ठेका कर्मचारी मजदूर संघ का प्रदेश कार्यसमिति बैठक 18 अगस्त को राजनांदगांव के अग्रसेन भवन में आयोजन किया जाना है। इस बैठक में प्रदेश के 29 जिलों के पदाधिकारी उपस्थित होंगे जिसमे 250 केवल पदाधिकारीगण उपस्थित होंगे।
ठेका कर्मचारी मजदूर संघ का यह अंतिम सबसे बड़ा निर्णायक बैठक होगा जिसमें संपूर्ण जिले के पदाधिकारी विशेष रणनीति तैयार कर सरकार को घेरेगी। संघ के अध्यक्ष गुलेन्द्र यादव जी ने बताया कि भ्रष्टाचार के मामले में विद्युत विभाग हमेशा सुर्खियों में छाए रहते हैं वेतन तक नहीं दे पाता ठेकेदार फिर भी हर समय ठेका मिल जाता है जब से ठेका प्रथा चालू हुआ है तब से ना कर्मचारियों को वेतन सही दिया जाता है और ना कोई सुविधाओं का लाग मिल पाता है। संघ के संरक्षक श्री नरोत्तम धृतलहरे जी ने बताया कि विभाग के पास ठेका कर्मचारी मजदूर संघ ने कई बार अपनी समस्याओं को लेकर धरना आमसभा किए हैं और विभाग को ज्ञापन भी सैकड़ों बार समस्याओं के संबंध में दे चुकी है परंतु केवल निराशा ही हाथ लगा है और विभाग ने आज तक ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया जिससे ठेका कर्मचारियों के साथ हो रहे शोषण को जड़ से खत्म किया जा सके ।
हरियाणा सरकार की ठेका प्रथा बंद की ऐतिहासिक फैसले का अवलोकन करें छत्तीसगढ़ सरकार
संघ के महामंत्री दिनेश कुमार साहू ने बताया कि जिस तरह से हरियाणा के सरकार ने राज्य और कर्मचारी हित में फैसला लेते हुए ठेका प्रथा बंद कर निगम बनाकर कर्मचारियों को नौकरी देने का फैसला किया है ठीक वैसे ही छत्तीसगढ़ सरकार को भी शोषण मुक्त करने हेतु और विभाग का कार्य कम करने कार्य कम करने के लिए ठेका प्रथा बंद करने का फैसला जल्द से जल्द लेना चाहिए जबकि छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार ने अपने जन घोषणापत्र में भी इस मांग को उल्लेखित किया है ।
ठेका प्रथा बंद से केवल कर्मचारियों को नहीं परंतु विभाग और सरकार को इससे जायदा फायदे हैं।
सरकार की अजीब मंशा आईटीआई को ठेका में तो वही रिक्त पद भरते है 10वी पास से
उपाध्यक्ष कमलेश वर्मा ने बताया कि विभाग में जितने भी आईटीआई नवयुवक कर्मचारी है वे सभी ठेका में और अर्धकुशल कर्मचारी श्रेणी में रखा गया है जो केवल 7000 की वेतन पाते है।
लेकिन वही विभाग और सरकार की मंशा 10वी पास को सीधी भर्ती कर 2 माह का प्रशिक्षण देकर लाइसेंस दिया जाता है और कुशल श्रेणी के दायरे में रखा जाता है। यह नीति उन सभी नवयुवकों के लिए अंधकार भविष्य को दर्शाता है जो औद्योगिक प्रशिक्षण लेकर नौकरी की आस रखते।