प्रमोद मिश्रा
रायपुर/राजनांदगांव, 14 सितंबर 2021
राजनांदगांव में बीजेपी नेता की आत्महत्या के वजहों की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है । भाजपा नेता और नगर निगम में ठेकेदार संजीव जैन की खुदकुशी मामले में पुलिस ने एक महिला सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है। महिला मानसी यादव की गिरफ्तारी के बाद जो कहानी सामने आई है उसके मुताबिक मोबाइल के रांग नंबर से संजीव जैन और महिला मानसी की बातचीत शुरु हुई थी और इसके बाद दोनों की कई मुलाकात हुई और इस दौरान शारीरिक संबंध भी बने। इस दौरान संजीव ने मानसी को अच्छी खासी रकम दे दी थी और अपनी रकम वापस मांगने पर संजीव को महिला और उसके पति व देवर द्वारा ब्लैकमेल किया जा रहा था। संजीव ने महिला को टुकड़ों टुकड़ों में करीब दो करोड़ रुपए दे दिए थे और आखिरकार बदनामी के डर से उसने खुदकुशी कर ली थी।
फांसी लगाकर की थी आत्महत्या
राजनांदगांव के हीरामोती लाइन निवासी भाजपा नेता संजीव जैन (उम्र 56 वर्ष) पिता सुरेशचंद्र जैन ने 10 अगस्त को अपने नंदई स्थित एक घर में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। इस मामले में थाना बसंतपुर में मर्ग कमांक 48/21 धारा 174 जा.फौ. कायम कर मामले को विवेचना में लिया गया था। घटना के बाद से पुलिस ने आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के एंगल से जांच शुरु की थी।
मिले थे 5 सुसाइडल नोट
विवेचना के दौरान मृतक के शव के पास 5 सीलबंद लिफाफा मिला था जिसे मृतक के भाई विनय कुमार जैन द्वारा खोल कर और पढ़ कर पुलिस को सुपुर्द किया गया था। सुसाईड नोट में मृतक को यूनियन बैंक के निखिल जैन व फैडरल बैंक के आशीष व अन्य व्यक्तियों द्वारा 1.75 करोड़ रूपए लोन दिलाने के नाम पर अलग-अलग समय में लेने और इसके बदले न ही लोन मिला और न ही उनका दिया हुआ पैसा मिलने का जिक्रथा। मृतक ने सुसाइडल नोट में यह भी लिखा था कि पैसा मांगने पर मृतक को जान से मारने धमकी दी जाती थी ।
मेरठ की युवती का भी जिक्र
मृतक संजीव के सुसाइडल नोट में रायपुर निवासी मानसी यादव नामक महिला का भी जिक्र था जिसने मेरठ में पढ़ाई करने के नाम पर मृतक से लाखों रूपए लिए थे। इस महिला द्वारा भी मृतक को लगातार मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जा रहा था जिससे हताश व परेशान होकर उसने कुआंचौक नंदई स्थित अपने पुराने मकान में फांसी लगा लिया गया। प्रथम दृष्टिया मामला आत्महत्या के लिए उकसाये जाने पर थाना बसंतपुर में अपराध क्रमांक 342/2021 धारा 306, 34 भा.द.वि. कायम कर विवेचना में लिया गया।
मामलें की गई बारीकी से जांच
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव डी. श्रवण के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव प्रज्ञा मेश्राम व नगर पुलिस अधीक्षक लोकेश देवांगन के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी बसंतपुर निरीक्षक आर्शिवाद रहटगावकर के नेतृत्व में टीम गठित कर मामले की सुक्ष्म रो सुक्ष्म बिन्दुओं की जांच की गई।
पौने दो करोड़ रुपए दिए
मृतक के बैंक खाते का बारीकी से अध्ययन किया गया और सुसाईड नोट में उल्लेख सभी व्यक्तियों व मोबाईल नम्बरों के बारे में पता लगाया गया। मृतक द्वारा सर्वाधिक राशि करीब 1 करोड़ 77 लाख रूपए मानसी यादव के बैंक खाते में डाला गया था। ऐसे में पुलिस टीम द्वारा मानसी यादव की सरगर्मी से तलाश की जा रही थी।
रायपुर से हुई गिरफ्तारी
मानसी का पता अपूर्ण होने से और अलग-अलग जगह पता बदल कर रहने से पुलिस को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था। पुलिस की अलग अलग टीम रायपुर, दिल्ली, मेरठ (उप्र), भेजी गई। बैंक खाते में दिए पते पर भी मानसी सालों से नहीं रह रही थी। सभी जगह पुलिस ने अपने मुखबीर लगा कर रखे थे। इस बीच पुलिस टीम को मुखबीर के माध्यम से सूचना मिली कि डंगनिया रायपुर स्थित मानसी यादव के बहन मधु यादव के घर में मानसी यादव सालों बाद तीज मनाने आई है। सूचना पर तत्काल टीम द्वारा घेराबंदी कर मानसी यादव को पकड़ा गया।
पूछताछ में सामने आई यह बात
पुलिस की पूछताछ में मानसी यादव ने बताया कि करीब 8 वर्ष पूर्व फोन के रांग नम्बर लगने से मृतक संजीव जैन से उसकी जान पहचान हुई। बातचीत के दौरान जब मानसी को पता चला कि मृतक अत्यधिक पैसे वाला है तब उसने मृतक को अपने प्रेम जाल में फंसाया। इस दौरान कई बार वो मेरठ (ससुराल) और रायपुर (मायके) से राजनांदगांव आई व कई बार मानसी ने मृतक को अपने पास रायपुर व मेरठ बुलाया। इस दौरान इनके बीच अनेकों बार शारीरिक संबंध बना। मृतक द्वारा मानसी को लगातार पढ़ाई के नाम पर, नौकरी लगने के नाम पर व मकान खरीदने के नाम पर रकम दिया जाता था