प्रमोद मिश्रा
जांजगीर चांपा
छत्तीसगढ़ में शाकंभरी बोर्ड के अध्यक्ष रामकुमार पटेल ने जनपद सदस्य के पद से इस्तीफा दे दिया है । दरअसल रामकुमार पटेल के ऊपर जनपद के चुनाव में झूठा शपथ पत्र पेश करने का आरोप था। माना जा रहा है, कि यह इस्तीफा झूठे शपथ पत्र मामले में कार्रवाई से बचने के लिए दिया गया है ।
दरअसल, जनपद पंचायत पामगढ़ के क्षेत्र क्रमांक 5 से रामकुमार पटेल ने कांग्रेस से जनपद का चुनाव लड़ा था। उसमें उन्हें जीत भी मिली थी। उनके चुनाव जीतने के बाद उनके निकटतम विरोधी अमरदास मानिकपुरी ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी ली। शपथ पत्र की सत्यापित कॉपी लेकर उसे गलत बताते हुए रामकुमार पटेल की शिकायत हाईकोर्ट में की थी। हाईकोर्ट से यह मामला अभी कलेक्टर कोर्ट में आ गया है। इस पर हाईकोर्ट ने तीन माह के अंदर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। यह मामला अभी लंबित है, इस दौरान जुलाई 2021 में राज्य सरकार ने रामकुमार पटेल को शाकंभरी बोर्ड का अध्यक्ष बना दिया है।
सामान्य सभा की बैठक में मंजूर हुआ त्यागपत्र
रामकुमार पर कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है, उनके त्यागपत्र को इसी संदर्भ से देखा जा रहा है। उन्होंने पामगढ़ जनपद अध्यक्ष को अपना त्यागपत्र दिया था। बुधवार को जनपद की सामान्य सभा की बैठक हुई। जिसमें उनका त्याग पत्र स्वीकार कर लिया गया है। सीईओ लक्ष्मीकांत कौशिक ने बताया कि सामान्य सभा में त्यागपत्र स्वीकार होने के बाद कलेक्टर व सीईओ जिला पंचायत को जानकारी भेज दी गई है।
हत्या के आरोप में हो चुकी है 7 साल की सजा
रामकुमार पटेल व अन्य लोगों को द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश कोरबा द्वारा उनकी पत्नी सरोजनी पटेल की मौत के मामले में धारा 304 बी व धारा 498 के तहत दोषी पाया गया था। दोष सिद्ध होने पर 27 मई 2010 को रामकुमार पटेल सहित तीन लोगों को धारा 304 बी के आरोप में सात साल और धारा 498 ए के आरोप में एक वर्ष की सजा सुनाई गई थी। आरोप है कि इसी अपराध को रामकुमार ने अपने शपथ पत्र में छ़ुपाया है।