प्रमोद मिश्रा
राजस्थान, 19 सितंबर 2021
पंजाब के बाद अब राजस्थान और छत्तीसगढ़ में राजनीतिक घटनाक्रम बदलने के संकेत मिल रहे है । दरअसल राजस्थान के सीएम के ओएसडी लोकेश शर्मा ने इस्तीफा दे दिया है । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने देर रात अपना इस्तीफा सीएम गहलोत को भेजा। इस्तीफे की वजह लोकेश शर्मा द्वारा किया गया एक ट्वीट बताया जा रहा है जिसके बाद कयासों का दौर शुरू हो गया था और उनके ट्वीट को पंजाब के घटनाक्रम के साथ भी जोड़कर देखा जाने लगा था। लोकेश शर्मा सीएम अशोक गहलोत के सोशल मीडिया का कामकाज संभालते थे।
क्या था ट्वीट में?
पंजाब में चल रहे सियासी घटनाक्रम के बीच लोकेश शर्मा ने शनिवार को ट्वीट करते हुए लिखा था, ‘मजबूत को मजबूर, मामूली को मगरूर किया जाए…। बाड़ ही खेत को खाए, उस फसल को कौन बचाए !!’ यही ट्वीट उनके लिए मुसीबत बन गया और इसे पंजाब के राजनीतिक घटनाक्रम से जोड़ा जाने लगा। दरअसल पिछले काफी लंबे समय से राजस्थान में भी सचिन पायलट खेमा और अशोक गहलोत खेमे के बीच गुटबाजी देखने को मिली है। लोकेश के इस ट्वीट पर कई लोगों ने लिखा कि शायद अब राजस्थान का नंबर है।
पंजाब में चल रहे राजनीतिक उठापठक के बीच राजस्थान से बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने देर रात अपना इस्तीफा सीएम गहलोत को भेजा। इस्तीफे की वजह लोकेश शर्मा द्वारा किया गया एक ट्वीट बताया जा रहा है जिसके बाद कयासों का दौर शुरू हो गया था और उनके ट्वीट को पंजाब के घटनाक्रम के साथ भी जोड़कर देखा जाने लगा था। लोकेश शर्मा सीएम अशोक गहलोत के सोशल मीडिया का कामकाज संभालते थे।
पंजाब में चल रहे सियासी घटनाक्रम के बीच लोकेश शर्मा ने शनिवार को ट्वीट करते हुए लिखा था, ‘मजबूत को मजबूर, मामूली को मगरूर किया जाए…। बाड़ ही खेत को खाए, उस फसल को कौन बचाए !!’ यही ट्वीट उनके लिए मुसीबत बन गया और इसे पंजाब के राजनीतिक घटनाक्रम से जोड़ा जाने लगा। दरअसल पिछले काफी लंबे समय से राजस्थान में भी सचिन पायलट खेमा और अशोक गहलोत खेमे के बीच गुटबाजी देखने को मिली है। लोकेश के इस ट्वीट पर कई लोगों ने लिखा कि शायद अब राजस्थान का नंबर है।
मजबूत को मजबूर, मामूली को मग़रूर किया जाए…
बाड़ ही खेत को खाए, उस फसल को कौन बचाए !!— Lokesh Sharma (@_lokeshsharma) September 18, 2021
इस्तीफे में कही ये बात
लोकेश शर्मा ने इस्तीफा देते हुए कहा कि मेरे द्वारा किये गए द्वीट को राजनैतिक रंग देते हुए, गलत अर्थ निकालकर पंजाब के घटनाक्रम से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने सीएम को भेजे अपने इस्तीफे में कहा कि कांग्रेस के किसी भी छोटे से लेकर बड़े नेता के संबंध में और प्रदेश की कांग्रेस सरकार को लेकर उन्होंने कभी कोई टीका टिप्पणी नहीं की। आपको बता दें कि राजस्थान के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस में गुटबाजी चल रही है। सियासी जानकार मानते हैं कि कांग्रेस आलाकमान दोनों राज्यों को लेकर भी फैसला ले सकता है।