बड़ी ख़बर : राज्य में ‘पंडो’ जनजाति पर पॉलिटिक्स…BJP ने कहा-‘कांग्रेस सरकार इनके संरक्षण के लिए संवेदनशील नहीं’, तो CM ने पूछा-’15 साल में किया क्या?’

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प्रमोद मिश्रा, रायपुर, 21 सितंबर 2021

छत्तीसगढ़ में पंडो जनजाति समाज पर राज्य की सियासत गरमा गई है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पंडो जनजाति मामले में भाजपा के बीते पंद्रह वर्षों के शासनकाल पर सवाल खड़ा करते हुए पूछा कि भाजपा बताये कि बीते पंद्रह वर्षों में आपने पंडो जनजाति के लिए क्या किया है? उन्होंने कहा कि भाजपा ने पंडो जनजाति समाज के लिए कुछ भी नहीं किया। इससे पहले राज्य में पंडो जनजाति समाज की सुरक्षा मामले में भाजपा ने राज्य सरकार को घेरने का प्रयास किया था।

 

 

 

 

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा था कि राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र पंडो जनजाति समाज के सदस्यों के लगातार हो रही मौतों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जिस समाज के संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार को अपनी भूमिका निभानी चाहिए वह समाज अपनी बुनियादी सुविधाओं के लिए जूझ रहा है जो बेहद ही चिंताजनक है। इन 40 दिनों में प्रदेश में पंडो समाज के करीब 20 लोगों की मौत हुई हैं। औसतन हर दूसरे दिन एक व्यक्ति की मौत यह साबित करता है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार इनके संरक्षण के लिए संवेदनशील नहीं है।

 

 

प्रेस को जारी बयान में उन्होंने कहा कि विशेष संरक्षित जनजाति के लोगों की कुपोषण व अन्य स्वास्थ्य कारणों से लगातार मौतें हो रही है लेकिन प्रदेश की सरकार पंडो जनजाति की संरक्षण, सवंर्धन व बेहतर स्वास्थ्य के लिए कुछ भी नहीं कर रही है। इस कारण हालत लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि प्रदेश में 2009-10 के सर्वे के मुताबिक करीब 31,814 पंडो जनजाति समाज के सदस्य व सरगुजा संभाग के 11 ब्लॉक में करीब 6,746 पंडो परिवार निवासरत है। जिनकी समुचित विकास की जिम्मेदारी प्रदेश की सरकार की है, लेकिन प्रदेश की सरकार अपने इन जवाबदारियों से लगातार बचती जा रही हैं।

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Photo : Twitter

 

 

उन्होंने कहा कि पंडो समाज के समग्र विकास के लिए पंडो विकास अभिकरण भी बनाया गया है। इन सबके बाद भी पंडो समाज के लोगों की लगातार मौतें कई सवालों को जन्म देता है। बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर ब्लाक में पिछले 20 दिनों में 10 पंडो जनजाति सदस्यों की मौत का आंकड़ा सामने आया है। यह अधिक भी हो सकता है जिस पर प्रशासन पर्दा डालने में जुटी हुई है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भी पंडो समाज के लोगों की सुरक्षा को लेकर भी कई सवाल उठते रहे हैं। बलरामपुर जिले के डिंडो पुलिस चौकी में पेड़ पर बांध कर पंडो समाज के लोगों की दबंगों द्वारा बेरहमी से पिटाई की गई थी जिसका वीडियो इंटरनेट मीडिया में वायरल होने के बाद मामला सामने आया है। वहीं हाल ही में पंडो समाज की एक चार वर्षीय बच्ची की मौत बेहतर स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलने के कारण हो जाती है। नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने आरोप लगाया है कि विशेष संरक्षित पंडो जनजाति समाज के 60 वर्षीय महिला मनकुवंर पंडो की मौत उचित ईलाज नहीं मिलने से हो जाती है। ऐसे में अब इस मामले राजनीति तेज होने के आसार दिख रहे हैं।

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