भूपेश टांडिया
रायपुर 21 सितंबर 2021
‘निःस्वार्थ फाउंडेशन’ नाम में स्पष्ट है कि यह फाउंडेशन किस प्रकार से होगा, अर्थात बिना किसी स्वार्थ के लोगों की सेवा करना, शायद इसे ही मानवता की श्रेणी में रखा गया है।
राजधानी रायपुर के अंदर जितने भी भिक्षुक और गरीब , असहाय वर्ग के लोगों को खास तौर से जिन्हें दो वक्त की भोजन जुटा पाना काफी मुश्किल काम होता है ऐसे लोगों के लिए ‘निःस्वार्थ फाउंडेशन’ वरदान साबित हुई है।
‘वरदान’ इसलिए क्योंकि इस फाउंडेशन के द्वारा ऐसे तबके के लोगों को उनके जगहों रात के अंधेरे में ढूंढ – ढूंढकर उन्हें भोजन वितरित किया जा रहा है। यूं तो ऐसे लोग बहुत ही कम मिलते हैं।
कहावत को इन्होंने चरितार्थ कर दिखाया है ‘दाने – दाने पर लिखा होता है खाने वाले का नाम’ कोई किसी का दिया हुआ नहीं खाता सभी के हिस्से में अपना खाना अवश्य होता है जो समय आने पर ही मिलता है।
इस फाउंडेशन के मुख्य लक्ष्य यह भी है कि कोई व्यक्ति भूखा ना सोएं चाहे वह किसी भी वर्ग के लोग हो, ऐसे लोगों की ये लोग लगातार सेवा कर रहे हैं और लोगों से भी इनकी अपील है कि मानवता के नाते ऐसे लोगों की सेवा जरूर करें या फिर निस्वार्थ फाउंडेशन के किसी भी सदस्य को सूचित करने की बातें कही है।