DEO की मनमानी : डीईओ ने प्रधानपाठक का खुद कर दिया पदस्थापना…फिर संस्था को मौखिक ज्वानिंग देने से किया मना..पढ़िए पूरी रिपोर्ट

CRIME Education छत्तीसगढ़

कन्हैया तिवारी की रिपोर्ट

गरियाबंद 22 सितम्बर 2021

 

 

 

गरियाबंद जिला में शिक्षा विभाग में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है गरियाबंद जिला के अंतिम छोर देवभोग ब्लाक में शासन के आदेश अनुसार आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल जिला के सभी विकासखंड मुख्यालय में संचालित किया गया है लेकिन स्कूल खोलने के कारण विकासखंड देवभोग के अध्यनरत छात्राओं को शासकीय बालक पूर्व माध्यमिक विद्यालय देवभोग में प्रवेश तो दे दिया गया लेकिन शासकीय कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय देवभोग में पदस्थ 4 शिक्षक में से 2 शिक्षक को प्रतिनियुक्ति के तहत स्वामी आत्मा नंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पदस्थ किया गया शेष 2 शिक्षक बच गए , अब सभी बच्चों को आत्मानंद स्कूल में प्रवेश देने के बाद शासकीय कन्या पूर्व माध्यमिक शाला स्कूल में एक भी बच्चे नही रहे तो उस स्कूल में बचे 2 शिक्षक और शिक्षक एल बी का रहना क्या अवचित्तय , लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी खटकर ने अपनी मनमानी से शिक्षक को शासकीय कन्या पूर्व माध्यमिक शाला देवभोग से पदस्थ करते हुए
शासकीय बालक पूर्व माध्यमिक शाला देवभोग के लिए आदेश तो निकाला लेकिन डी ई ओ खटकर को दयानिधि यादव शिक्षक का आदेश निकलने का अधिकार नही तब भी डी ई ओ ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए एक आदेश तो जारी कर दिया उसके बाद जब डी ई ओ को आदेश की जानकारी के संबंध में Media 24 पूछा तो निरस्त का आदेश भेजता हूं बोलकर फोन काट दिए और जब DEO को इसकी जानकारी थी तो आदेश क्यो निकाला गया और जब आदेश जारी किया गया था तो संबंधित आदेश को संबंधीत स्कूल में क्यो नही भेजा गया ये सोचने वाली बात है deo खटकर ने बताया कि डी पी आई में आदेश हेतु भेजा हु वो आदेश धोखे से निकल गया बोलकर पल्ला झाड़ते नज़र आये। ओर DEO ने अपने आपको बचाने के लिए एक आदेश Media 24 को दिया जिसमें आदेश निरस्त करने का हवाला है और संयुक्त संचालक लोक शिक्षण रायपुर को अनुशंसा के लिए पत्र लिखा है।

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राज्य सरकार के बिना आदेश के स्कूल बंद :- आपको बता दे कि जब शासकीय कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय देवभोग के बच्चे को आत्मानंद विद्यालय में बच्चों को प्रवेश दिया गया तो उसके बाद एक भी बच्चा शासकीय कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय देवभोग में नही रहे तो उसके बाद से स्कूल का संचालन नही हो पा रहा है और बिना राज्य सरकार के आदेश बिना ही स्कूल बंद हो गया है कहि ना नही स्कूल प्रबंधन के ऊपर दबाब तो नही आत्मानंद स्कूल में प्रवेश के लिए ओर दवाव नही तो स्कूल बिना आदेश के कैसे बंद हो गया ये भी सोचने वाली बात है।

कई स्कूल प्रभवित :- आत्मानंद स्कूल को संचालित करने को कई स्कूल को प्रभावित किया गया है सभी अलग अलग जगह से स्कूलों में शिक्षकों की व्यवस्था किया गया जिससे जहा के स्कूल से शिक्षक को लाया गया है वहा का स्कूल प्रभावित हो रहा है
आदेश में कलेक्टर का अनुमोदन नही :- आपको बता दे कि स्वामी आत्मा नंद विद्यालय का अध्यक्ष खुद कलेक्टर होतेहै लेकिन आदेश निकालना है तो कहा किसको पूछना , डी ई ओ खटकर ने बिना पूछे से एक आदेश निकाला जिसमे यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा तो लिखा है और इसकी जानकारी नियमतः सबको दी लेकिन सम्बन्धी स्कूल में DEO ने फोन कर बताया कि नही देना है ज्वानिंग जिसके चलते दयानिधि यादव चक्कर काट रहे है और आदेश को निकालने के लिए कहि पर भी कलेक्टर का अनुमोदन नज़र नही आ रहा है इससे ये साबित होता है को बिना कलेक्टर के अनुमोदन से अपनी मनमर्जी से DEO खटकर में आदेश निकाल दिया और अपना बचने के लिए बाद में डी पी आई को एक ओर लेटर बना कर उस संबंध में अभिमत मांगा है इतना ही नही कलेक्टर के जानकारी में होता तो ये आदेश नही निकलता इससे ये साबित होता है कहि ना कहि ऊपर नीचे सेटिंग के चक्कर मे तो DEO ने आदेश जारी नही कर दिए जब इसकी जानकारी के लिए फिर से फ़ोन media 24 ने किया तो DEO खटकर ने फ़ोन काट दिया।

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नियमतः निकलना है डी पी आई से आदेश :- आपको बता दे कि जब प्रधानपाठक की नवीन पदस्थापना होना है तो डी पी आई निकालता है आदेश लेकिन DEO खटकर ने अपने पद का दुरुपयोग कर आदेश निकाल कर बहुत बड़ी भूल तो कर दी लेकिन अपनी भूल को छुपाने के लिए एक ओर आदेश निकाल ओर निरस्त करने की बात कही।

इस संबंध में जब कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर से संपर्क किया गया तो फ़ोन नही लगा।

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