प्रमोद मिश्रा
नेशनल डेस्क, 24 सितंबर 2021
पंजाब में सीएम बदलने के बाद अब नजर राजस्थान और छत्तीसगढ़ पर है । पंजाब में सीएम बदलाव के बाद राजस्थान में सियासी पारा उफान पर है । राजस्थान में सीएम पद के प्रमुख दावेदार, सचिन पायलट ने आज फिर राहुल और प्रियंका गांधी से नई दिल्ली में मुलाकात की है । आपको बताते चले कि पिछले सप्ताह भी पायलट की मुलाकात राहुल गांधी से हुई थी ।
2018 के विधानसभा चुनाव में जिन 3 राज्यों में सफलता मिली थी , उनमें छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्यप्रदेश था । मध्यप्रदेश से सत्ता कांग्रेस के हाथ से जा चुकी है और पार्टी से सिंधिया भी चले गए है, ऐसे में अब राजस्थान और छत्तीसगढ़ में लोगों की नजर है म राजस्थान में एक बार फिर सीएम अशोक गहलोत के चेंज होने की चर्चा जोरों पर है । दरअसल राजस्थान में कैबिनेट विस्तार और संगठन में फेरबदल की अटकलों के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने शुक्रवार को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की । राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री पायलट की राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से यह मुलाकात पंजाब में हुए घटनाक्रम के कुछ दिन बाद हुई है, जिसमें कांग्रेस ने अमरिंदर सिंह की जगह दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया ।
पायलट ने पिछले सप्ताह भी गांधी से मुलाकात की थी । उन्होंने शुक्रवार को राहुल गांधी से दिल्ली के तुगलक रोड स्थित उनके आवास पर मुलाकात की और इस दौरान प्रियंका गांधी भी मौजूद थीं । पंजाब के घटनाक्रम के बाद से ही कांग्रेस के सत्ता के गलियारे में राजस्थान को लेकर चर्चा है, जहां पर पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच नेतृत्व को लेकर खींचतान चल रही है । वहीं, छत्तीसगढ़ राहुल गांधी की सूची में अगले स्थान पर है, जहां उन्हें पार्टी की समस्या का समाधान करना है ।
पायलट की राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से हुई मुलाकात में क्या चर्चा हुई इसको लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि बैठक में संभावित मंत्रिमंडल विस्तार और संगठन में फेरबदल पर चर्चा की गई । पायलट लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि राजस्थान में मंत्रिमंडल का विस्तार और राज्य के बोर्ड व निगमों में शीघ्र नियुक्ति की जानी चाहिए । वह जोर दे रहे हैं कि जो कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता उनके साथ काम कर रहे हैं, उन्हें उनका उचित हक पार्टी को देना चाहिए ।
राजस्थान में पार्टी इकाई के अध्यक्ष के पद पर पायलट की वापसी को लेकर भी चर्चा है । हालांकि, उनके समर्थक जोर दे रहे हैं कि गहलोत को हटाकर राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन किया जाना चाहिए ।बता दें कि पायलट और उनके समर्थक विधायकों ने पिछले साल मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ उनकी कार्यशैली के विरोध में बगावत कर दी थी, जिसके बाद पायलट को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया था ।
सूत्रों की माने तो कांग्रेस नेतृत्व राजस्थान और छत्तीसगढ़ की समस्या का समाधान करना चाहता है । कांग्रेस महासचिव और राजस्थान के पार्टी प्रभारी अजय माकन ने पिछले सप्ताह कहा था कि राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार और संगठन में फेरबदल की रूपरेखा तैयार है ।उन्होंने कहा था,‘‘अगर अशोक गहलोत बीमार नहीं पड़े होते, तो हम मंत्रिमंडल का विस्तार कर चुके होते और बोर्ड निगम और जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए रूपरेखा तैयार है.’’