भूपेश टांडिया
जशपुर / रायपुर 14 अक्टूबर 2021
जबसे उल्टी दस्त से कोरवाओं की मौत की खबर आयी है उनके संरक्षक प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने शासन और प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।उन्होंने अपने बयान ने कहा कि जशपुर स्वास्थ्य विभाग के शर्मनाक घोटाला के उजागर होने के बावजूद कोरवाओं की मृत्यु पर प्रशासनिक चुप्पी दर्शाती है कि प्रशासन का उद्देश्य लूट खसोट के अलावा कुछ भी नहीं रह गया है जनता मरती है तो मरे।पहाड़ी कोरवाओं का उल्टी दस्त से इलाज के अभाव में मृत्यु प्रशासनिक लापरवाही की पराकाष्ठा है। उत्तर प्रदेश की चिंता छोड़ें भूपेश जी अपना घर सम्हालें।कहां हैं जनता के शुभचिंतक जनप्रतिनिधि विधायक त्रय अगर उद्घाटन समारोह से फुर्सत मिल जाए तो थोड़ी जनता की भी चिंता कर लें कृपा होगी।
प्रबल का ये कटाक्ष जशपुर की लचर व्यवस्था एवम शासन और प्रशासन की अकर्मण्यता के प्रति उनकी भड़ास हैं।ज्ञात हो कि पिछले कई महीने से जशपुर में घोटालों की बरसात आई हुई है पर अभी तक किसी मामले में पुख्ता कारवाही नहीं हो पाई है ना ही शासन मुस्तैद दिखाई देता है। कोरोना काल के दौरान उजागर अनियमितता के बाद भी कोई प्रशासनिक कसावट कहीं दिखाई नहीं देता । इसके उलट साधारण बीमारी से कोरवाओं की मौत प्रशासन की लचर व्यवस्था एवम लापरवाही का प्रमाण है जबकि प्रशासन के दावानुसार हर गांव के अंतिम व्यक्ति तक सहायता पहुंचाई जा रही है।
जिले में सरकारी कर्मचारियों एवं अधिकारियों के स्थानांतरण को उद्योग का दर्जा देने वाली सरकार के जनप्रतिनिधियों पर कटाक्ष करते हुए प्रबल ने कहा कि जशपुर को तो चारागाह बना डाला है जैसे अपने प्रदेश की जनता का ख्याल छोड़कर मुख्यमंत्री उत्तरप्रदेश की चिंता में लगे हैं वैसे ही कुछ जनप्रतिनिधि दूसरों के क्षेत्र की चिंता में।
हमलोग 15 साल शासन में थे परंतु कभी जशपुर में बदले की भावना से कोई कार्यवाही नहीं की परंतु कांग्रेस सरकार हमारे लोगों को जानबूझकर परेशान करने का काम कर रही है उन्हें याद रखना चाहिए कि बहुत जल्द हम सत्ता में होंगे फिर हमें दोष मत देना। राजनीति में मर्यादा और सैयम बहुत जरूरी है जशपुर जनजातीय बहुल क्षेत्र है यहां संवेदनशील पदाधिकारी चाहिए ना कि रसद पहुंचने वाले लोग।जशपुर जिले में कार्यरत प्रत्येक कर्मचारी एवम अधिकारी का स्वागत है पर याद रहे जशपुर चारागाह नहीं अगर भ्रष्टाचार में संलिप्तता पायी गई तो अंजाम बुरा होगा।