शरद पूर्णिमा 2021 : राजधानी में शरद पूर्णिमा पर खीर बनाकर भक्तों ने लगाया भगवान को भोग…जानिए क्या है शरद पूर्णिमा की विशेष मान्यता

Latest आस्था छत्तीसगढ़ रायपुर

भूपेश टांडिया

रायपुर 20 अक्टूबर 2021

 

 

 

 

राजधानी में शरद पूर्णिमा पर्व के अवसर पर लोगों ने खीर बनाकर भगवान को भोग अर्पित करके प्रसाद ग्रहण किया। इस मौके पर कई मंदिरों में खीर का प्रसाद बांटा गया। वहीं देर रात तक शरद पूर्णिमा के त्योहार लोग मनाते हुए नजर आए। ज्योतिषाचार्य पंडित विनीत शर्मा ने अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने 16 कलाओं से युक्त शरद पूर्णिमा की रात को महारास लीला रचाई थी।

मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा से अमृत बरसता है। तब से शरद पूर्णिमा मनाने का विधान है। दूसरी ओर शरद पूर्णिमा पर सर्वार्थ सिद्धि एवं सर्व दोष नाशक रवि योग का संयोग बना। इस संयोग में सोना, चांदी, हीरा-मोती और अन्य धातु खरीदने के लिए काफी शुभ माना गया है। यही कारण है कि सदर बाजार, पंडरी बाजार, पुरानी बस्ती इलाके में लोग अधिक संख्या खरीदी करने पहुंचे।

शहर के इन मंदिरों में हुए मुख्य आयोजन

टाटीबंध के इस्कान मंदिर, समता कालोनी के राधा-कृष्ण और खाटू वाले श्याम बाबा और जवाहर नगर के राधा-कृष्ण मंदिर में जुगलजोड़ी सरकार का विविध फूलों से मनमोहक श्रृंगार करके चंद्रमा की रोशनी में रखी खीर का भोग लगाया। इस मौके पर महाआरती के बाद श्रद्धालुओं को खीर का प्रसाद वितरित किया। इसके अलावा शहर के विभिन्न कालोनियों में युवाओं टोली ने शरद पूर्णिमा मनाया।

महिला मंडली का रास गरबा

समता कालोनी राधा कृष्ण मंदिर के पुजारी पंडित लल्लू महाराज ने बताया कि महाप्रभु जुगलजोड़ी सरकार जु का श्वेत फूलों से श्रृंगार किया। शाम 7.30 से श्रृंगार दर्शन किया और रात 8.30 बजे महिला मंडली ने रास गरबा किया। 251 लीटर दूध की खीर तीन घंटे तक आसमान तले रखकर रात 12 बजे भोग आरती करके खीर बांटी। इस मौके पर सैकड़ों की संख्या श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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