प्रमोद मिश्रा
रायपुर 6 नवम्बर 2021
छत्तीसगढ़ के झीरम घाटी में हुए हमले को लेकर और प्रदेश की सियासत गर्म होते नजर आ रही है । दरअसल, कल ही झीरम कांड के लिए गठित न्यायिक आयोग द्वारा अपनी रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपी गई है । जिस पर कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा है कि, झीरम नर संहार के लिए गठित न्यायिक आयोग द्वारा अपनी रिपोर्ट सरकार के बदले राज्यपाल को सौंप कर तय एवं मान्य प्रक्रिया का उल्लंघन किया गया है। प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सामान्यतया जब भी किसी न्यायिक आयोग का गठन किया जाता है तो आयोग अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपती है। झीरम नरसंहार के लिए गठित जस्टिस प्रशांत मिश्र आयोग की ओर से रिपोर्ट सरकार के बदले राज्यपाल को सौंपना ठीक संदेश नहीं दे रहा है।
जब आयोग का गठन किया गया था तब इसका कार्यकाल 3 महीने का था तीन महीने के लिए गठित आयोग को जांच में 8 साल कैसे लग गया ?आयोग ने हाल ही में यह कहते हुए सरकार से कार्यकाल बढाने की मांग की थी कि जांच रिपोर्ट रिपोर्ट तैयार नही है इसमें समय लगेगा ।जब रिपोर्ट तैयार नही थी आयोग इसके लिए समय मांग रहा था फिर अचानक रिपोर्ट कैसे जमा हो गयी ?यह भी शोध का विषय है।
उन्होंने पूछा है कि ऐसा क्या है जो सरकार से छुपाने की कोशिश की जा रही है?
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशीलआनंद शुक्ला ने कहा कि झीरम हमले में कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेताओं की एक पूरी पीढ़ी सहित 31 लोगो को खोया है । झीरम देश ही नहीं दुनिया का सबसे बड़ा राजनैतिक हत्या कांड था । इस हमले की पीछे की पूरी सच्चाई सामने आनी ही चाहिए । कांग्रेस ने हमेशा ही इस नरसंहार के षडयंत्र की जांच की मांग करती रही है। इस पूरे मामले में पूर्ववर्ती सरकार की और एनआईए की भूमिका संदिग्ध रही है। उन्होंने कहा है कि पार्टी राज्य सरकार से मांग करती है कि यदि झीरम कांड के व्यापक जांच के लिए एक वृहत न्यायिक जांच आयोग का गठन कर जीरम की षड्यंत्र की नए सिरे से जांच करवाया जाय ।
सुशील आनंद शुक्लाकहा है कि प्रदेश की जनता इस मामले के पीछे के षड्यंत्रकारियों को बेनकाब होते देखना चाहती है।
आपको बताते चलें कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम आज झीरम कांड के पीड़ित परिवार वालों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं ।
झीरम कांड में क्या हुआ था
कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के काफिले पर बस्तर की झीरम घाटी में नक्सलियों ने हमला कर दिया था । जिसमें वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं समेत कुल 27 लोगों की मौत हो गई थी । इस विभत्स हत्याकांड में कांग्रेस ने अपनी पहली पंक्ति के नेताओं विद्याचरण शुक्ल, नंद कुमार पटेल और महेंद्र कर्मा को खोया था ।